Faridabad/Alive News : परिवहन आयुक्त, हरियाणा, चण्डीगढ़ के आदेशानुसार व उपायुक्त चन्द्रशेखर, आई.ए.एस.के दिशा निर्देशानुसार हरियाणा राज्य परिवहन के बल्लभगढ़ बस स्टैण्ड पर सुभाष श्योराण, एच.सी.एस. के नेतृत्व में सडक़ सुरक्षा के नोडल अधिकारी डॉ. एम.पी. सिंह द्वारा ‘‘नो ओवरस्पीडिंग डे’’ मनाया गया। सुभाष श्योराण, एच.सी.एस. आर.टी.ए. फरीदाबाद ने अपने सम्बोधन में कहा कि अधिक स्पीड में बस को चलाने से एवरेज कम आती है और जिससे तेल ज्यादा फुकता है और तेल हम विदेश से लेते है इसलिए इससे विदेश का फायदा होता है।
पूरन चन्द पवार, एच.पी.एस. डी.सी.पी. टेऊफिक ने कहा कि अधिक तेज गति चलने से दुर्घटना की सम्भावना ज्यादा हो जाती है। इस बार 460 दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें 161 मृत्यु हो चुकी हैं। इससे बचाव के लिए आपका साथ और सहयोग जरूरी है। आप सरकारी कर्मचारी हैं इसलिए सरकार के नियम व कानून का पालना करना आपके लिए अति आवश्यक है।
रोड सेफ्टी के नोडल ऑफिसर डॉ. एम.पी. सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘नो ओवरस्पीडिंग डे’’ सरकार इसलिए मना रही है कि हर ड्राईवर सडक़ सुरक्षा के नियमों की पालना करते हुए सुरक्षित अपने घर पहुंच जाए। डॉ. एम.पी. सिंह ने सभी कर्मचारी और अधिकारियों को सीमा से ज्यादा तेज गति से वाहन ना चलाने की व वाहन का उचित रख-रखाव करने की शपथ दिलाई और कहा कि आपकी गाड़ी में अनेकों सवारी आप पर विश्वास व भरोसा करती हैं कि आप नियमों की पालना करते हुए उन्हें उनके गन्तव्य स्थान पर पहुंचा देंगे। आपकी जरा सी लापरवाही उन लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है और आपका सम्मान कम हो जाता है। आपके पास लाखों रूपये की सरकारी गाड़ी होती है यदि आप उसे अपने गाड़ी समझकर चलाते हैं तो राष्ट्र का सकल घरेलू उत्पाद बढ़ सकता है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि जल्दबाजी ना करें, दुर्घटना से देर भली, घर पर कोई आपका इन्तजार कर रहा है आदि उदाहरणों को देकर डॉ.एम.पी. सिंह ने उनको सचेत किया।
हरियाणा राज्य परिवहन के महाप्रबन्धक रीगल कुमार, एच.सी.एस. ने आए हुए अधिकारियों का स्वागत करते हुए धन्यवाद किया और कहा कि हमारे सभी कर्मचारी अधिकतर नियम और कानून की पालना करते हैं और ईमानदारी से काम करते हैं। इस अवसर पर जितेन्द्र, धमेन्द्र व अन्य ड्राईवरों ने अनेकों प्रश्न किए और सुभाष श्योराण जी ने सभी प्रश्नों का जबाव बड़ी शालीनता से दे दिया और कहा कि जब आपकी गलती नहीं होती है तो धारा-182 का अपने बचाव में प्रयोग करना चाहिए।