Sirsa/Alive News : केंद्रीय बजट में स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया गया है। केंद्र सरकार ने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता जाहिर करते हुए ब्लैकबोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड का सपना देखा है। इरादे जाहिर किए गए हैं कि अब शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ स्कूलों का ढांचा भी बदला जाएगा। टाट-पट्टी पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने के दिन पुराने होंगे।
शिक्षा डिजिटल तरीके से दी जाएगी। ब्लैकबोर्ड पर चाक घिसने की बजाय गुरुजी की-बोर्ड पर अंगुलियां चलाते नजर आएंगे। सरकारी स्कूलों में भी बिजनेस स्कूलों में मिलने वाली स्टेंडर्ड शिक्षा की तरह पढ़ाई करवाने की परिकल्पना की गई है। प्री-नर्सरी से 12वीं तक के लिए एक नीति बनाकर गुणवत्ता पर जोर दिया जाएगा।
शिक्षकों की भी सुधरेगी गुणवत्ता
जब ब्लैकबोर्ड डिजिटल होंगे तो निश्चित तौर पर शिक्षकों की गुणवत्ता भी सुधरेगी। डिजिटल ब्लैकबोर्ड के जरिये शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को भी डिजिटलाइज होना होगा। ऐसे में शिक्षकों को अपने विषय के साथ-साथ कंप्यूटर, इंटरनेट में महारत हासिल करनी होगी। जिससे स्मार्ट क्लास में आधुनिक तरीके से विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा दी जा सके। इसके लिए केंद्र सरकार ने शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया है। शिक्षकों को डिजिटल माध्यम से ट्रेंड किया जाएगा।
केंद्र सरकार का बजट शिक्षा के लिए बेहतरीन बजट है। शिक्षा और स्वास्थ्य सुधरेगा, तभी देश उन्नति कर पाएगा। इस बजट में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूली शिक्षा से लेकर उच्चतर शिक्षा तक की अच्छी झलक है। समय में बदलाव के साथ ही शिक्षा में भी आधुनिकता की जरूरत है।
– डॉ. यज्ञदत वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी।