Chandigarh/Alive News : चंडीगढ़ में सिर्फ दो ही मार्ग हाईवे रहेंगे। बाकी सभी मार्गों को अधिसूचना रद्द कर प्रशासन ने स्टेट हाईवे से बदलकर मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड कर दिया है। अब इन्हें मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड ही कहा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के हाईवे से 500 मीटर दायरे में शराब के ठेके नहीं होने के आदेश पर प्रशासन ने यह फैसला लिया है। अपने शराब के ठेके बचाने के लिए लंबी माथापच्ची के बाद तिकड़म लगाने में प्रशासन कामयाब हो गया है।
जो हाईवे बचे हैं इनमें भी दक्षिण मार्ग पहले से ही नेशनल हाईवे है। ट्रिब्यून चौक और फिर पिकाडली चौक से होते हुए यह पंजाब को चला जाता है। मध्य मार्ग इकलौता स्टेट हाईवे बचा है। नई अधिसूचना के तहत सिर्फ मध्य मार्ग को ही स्टेट हाईवे रखा गया है। बाकी सभी मार्गों को मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड में बदल दिया गया है। इससे पहले 2005 की अधिसूचना में वी-1, वी-2 वी-3 सडक़ों को स्टेट हाईवे का दर्जा दिया गया था। उस समय प्रशासन ने यह सभी मुख्य सडक़ें नगर निगम को नहीं देने के लिए इन्हें स्टेट हाईवे का दर्जा दिया था। लेकिन दिसंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्टेट और नेशनल हाईवे के 500 मीटर के दायरे से शराब के ठेके हटाने के आदेश दिए थे। इस कारण चंडीगढ़ के करीब 80 शराब के ठेकों पर बंद होने की तलवार लटक गई थी।
ठेके बंद होने से करोड़ों रुपये का रेवेन्यू भी हाथ से चला जाता। इस रेवेन्यू की वजह से ही प्रशासन ने स्टेट हाईवे की अधिसूचना को रद्द करने का फैसला लिया। यह फैसला लेने में प्रशासन को करीब 25 दिन लग गए। पूरे मामले पर इंजीनियरिंग, एक्साइज और आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट की कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने अधिसूचना रद्द करने की रिपोर्ट एडवाइजर को दी थी। इसी रिपोर्ट की प्रजेंटेशन प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के सामने हुई।
कानूनी पचड़ों से बचने के लिए मामले पर कानूनी राय भी ली गई। एलआर ने भी कानूनी राय में अधिसूचना रद्द करने को हरी झंडी दे दी। फिर फाइनल तौर पर प्रशासक की मंजूरी के बाद अधिसूचना को रद्द कर दिया गया। वहीं, प्रशासन ने साफ किया है इन सडक़ों की मरम्मत पहले की तरह ही की जाएगी। नगर निगम के अंडर में आने वाली सडक़ों की वह मरम्मत निगम करेगा, जबकि प्रशासन के अंडर में आने वाली सडक़ों की देखरेख प्रशासन ही करेगी।