December 28, 2024

29 अप्रैल को होगा नये न्यायिक परिसर का उद्घाटन

Faridabad/Alive News : फरीदाबाद न्यायपालिका के नये न्यायिक परिसर का उद्घाटन 29 अप्रैल को होगा, जिसमें सुप्रीम कोर्ट एवं हरियाणा पंजाब हाईकोर्ट के जज शिरकत करेंगे और यह न्यायिक परिसर जनता को समर्पित करेंगे। लेकिन उद्घाटन कार्यक्रम में फरीदाबाद कोर्ट के पूर्व सेशन जज इंद्रजीत मेहता के शामिल होने की चर्चाओं ने फिर से वकीलों में विरोध की चिंगारी सुलगा दी है।

फरीदाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एल.एन. पाराशर ने घोषणा की है कि पूर्व सेशन जज इंद्रजीत मेहता भ्रष्टाचार के चलते फरीदाबाद से अपना मोह नहीं छोड़ पा रहे इसलिए लोगों पर अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए किसी न किसी बहाने से फरीदाबाद कोर्ट के कार्यक्रमों में शामिल होना चाहते हैं जिससे उनकी बादशाहत का भ्रम कायम रहे।

लेकिन हम उनकी इस भ्रष्ट योजना को कामयाब नहीं होने देंगे। अगर उन्होंने जबरदस्ती उद्घाटन कार्यक्रम में शरीक होने का प्रयास किया तो वकीलों द्वारा उन्हें काले झण्डे दिखाए जाएंगे और उनका विरोध किया जाएगा। न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट एल.एन. पाराशर ने कहा कि उनकी लड़ाई केवल भ्रष्ट जजों के खिलाफ है एवं अच्छे जजों के समर्थन में है। इसलिए पूर्व सेशन जज इंद्रजीत मेहता के अलावा जितने भी जज कोर्ट परिसर में आएंगे उनका न्यायिक सुधार संघर्ष समिति द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा एवं विरोध प्रदर्शन केवल मेहता के आगमन के खिलाफ ही होगा।

पाराशर ने कहा कि वे अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं और नियमित रूप से देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवं मुख्य न्यायाधीश से आग्रह कर रहे हैं कि एक आयोग बनाकर न्यायपालिका के भ्रष्ट जजों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। इतना ही नहीं उन्होंने पूर्व सेशन जज इंद्रजीत मेहता के खिलाफ भी शिकायतें कर रखी हैं एवं इस दौरान श्री मेहता का तबादला चंडीगढ़ भी हो चुका है। फिर वे फरीदाबाद में कार्यक्रम की आड़ में किस मकसद को पूरा करने के लिए आना चाहते हैं इस बात की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।

इसके अलावा युवा वकीलों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेक्टिस पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि न्यायिक सुधार संघर्ष समिति द्वारा विभिन्न धरने प्रदर्शनों के माध्यम से मांग की जा चुकी है कि न्यायपालिका में सुधार के लिए एवं भ्रष्टाचार मिटाने के लिए तुरंत प्रभाव से कदम उठाए जाएं।

नये जजों की नियुक्तियां एक माह में की जाएं। जिससे जजों की कमी से जूझ रही न्यायपालिका राहत की सांस ले सकें। इसके अलावा न्यायालयों में न्याय के लिए तारीख पर तारीख ले रहे लोगों को भी राहत मिल सके। एक निश्चित समय सीमा के अंदर मुकदमों को निपटाया जाए। ईमानदार जजों को प्रमोशन दी जाए एवं भ्रष्ट जजों की जांच के लिए आयोग बनाया जाए। इसके अलावा जो जज आयोग की जांच में दोषी पाए जाएं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही के प्रावधान किए जाएं।