NEET UG Exam 2024/Alive News: नीट यूजी धांधली मामले में आज छात्रों की बड़ी जीत हुई है। सुप्रीम ने नीट परीक्षा परिणाम में अनियमितता को देखते हुए एनटीए को 1563 छात्रों का ग्रेस मार्क्स रद्द करके फिर से नीट एग्जाम आयोजित करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
67 छात्रों को 720 में से 720 मार्क्स मिलने पर जब एनटीए से सवाल पूछा गया था तो एनटीए इसके पीछे की वजह ग्रेस मार्क्स बताया था। एनटीए ने अपनी सफाई में कहा था कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर लॉस ऑफ टाइम की वजह से कुल 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं जिसकी वजह से 44 छात्रों के मार्क्स 720 हुए। हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद एनटीए को ग्रेस मार्क्स रद्द करने का निर्देश दिया गया।
ग्रेस मार्क्स पाने वाले छात्रों के पास ये दो ऑप्शन-
जिन स्टूडेंट्स को एनटीए की तरफ से ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं उन्हें दो ऑप्शन दिए हैं। ये छात्र या तो 23 जून को री-एग्जाम में बैठ सकते हैं या फिर बिना ग्रेस मार्क्स वाले पुराने स्कोर के साथ ही काउंसलिंग की तरफ आगे बढ़ सकते हैं। जिन कैंडिडेट को कॉन्फिडेंस है कि वे दोबारा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो वे री-एग्जाम में शामिल होने का फैसला ले सकते हैं।
केवल 1563 छात्रों का ही नीट एग्जाम दोबारा होगा-
नीट रिजल्ट के बाद दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों का ही री-एग्जाम कराया जाएगा। इससे पहले एनटीए ने कहा था करीब 24 लाख छात्रों में से केवल 1563 छात्रों के परीक्षा परिणाम तक समस्या सीमित है। बाकी स्टूडेंट्स को कोई परेशानी नहीं है।
नीट यूजी काउंसलिंग पर रोक नहीं-
सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर दोहराया है कि नीट यूजी की काउंसलिंग पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। स्टूडेंट्स काउंसलिंग राउंड में शामिल हो सकते हैं। 23 जून को दोबार नीट एग्जाम होगा और 30 जून को इसका रिजल्ट घोषित होने की उम्मीद है। ताकि जुलाई में नीट की काउंसलिंग शुरू हो सके। एनटीए की तरफ से कहा गया कि छात्रों का डर दूर करने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है।
ग्रेस मार्क्स देने से क्या नुकसान हुआ-
पांच मई को देशभर में हुई नीट परीक्षा कराने वाली एनटीए ने 4 जून को जब रिजल्ट जारी किया तो देश भर में हंगामा खड़ा हो गया। वजह 67 बच्चों को जहां 720 में 720 नंबर मिले थे, वहीं इससे भी ज्यादा 1563 बच्चों को ग्रेस मार्किंग दी गई थी। यह ग्रेस मार्किंग 10, 20 या 30 नंबर की नहीं 100 से 150 नंबर तक की दी गई थी, जिसकी वजह से कई बच्चे जो मेरिट में बाहर थे वो मेरिट में आ गए और जो मेरिट वाले बच्चे थे उनके लिए गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन पाना मुश्किल हो गया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नीट एग्जाम में क्या-क्या होंगे बदलाव-
1563 स्टूडेंट्स के ग्रेस मार्क्स रद्द होने के बाद, तीन बड़े बदलावों में सबसे बड़ा मेरिट लिस्ट में परिवर्तन होगा। क्योंकि इस साल लॉस ऑफ टाइम की वजह से नीट की एवरेज मेरिट लिस्ट में अचनाक चार गुना ऊपर पहुंच गई थी। इससे जो छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेज की रेस से बाहर हो गए थे, वे वापस इस मेरिट लिस्ट में में आ सकते हैं।
यह इतिहास में पहली बार था जब एनटीए ने इतनी बड़ी संख्या (67) में छात्रों को टॉपर घोषित किया है। इस पर एनटीए ग्रेस मार्क्स का हवाला देते हुए बताया था कि कंपनसेशन की वजह से टॉपर छात्रों की संख्या बढ़ी है। कंपनसेशन की वजह से 44 कैंडिडेट्स को AIR 1 मिली और छात्रों की संख्या बढ़कर 67 हो गई। इसके अलावा इस साल बहुत अधिक छात्रों ने एक ही AIR साझा की। री-नीट रिजल्ट के बाद ऑल इंडिया रैंक पाने वाले छात्रों की संख्या में बदलाव हो सकता है। इसके अलाव इस साल नीट स्कोर और रैंक के बीच आ रही अनियमितता में सुधार हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को 1563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स रद्द करके दोबारा नीट एग्जाम आयोजित करने के लिए कहा है। एनटीए अब 23 जून को री-नीट एग्जाम आयोजित करेगा, जिसका रिजल्ट 30 जून को जारी होगा। नया रिजल्ट जारी होने के बाद एनटीए को फिर से मेरिट लिस्ट तैयार करनी होगी, जिसके आधार पर 6 जुलाई से काउंसलिंग शुरू होगी।