Chandigarh/Alive News: नगर निगम के कर्मचारियों की भर्ती अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही है। सरकार समर्थक द्वारा किसी अन्य समिति को भी भर्ती की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
इसके लिए सरकार ने सेवा में बदलाव किया है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील एवं कानूनी स्टेचर अटलांटिस कुमार ने बताया कि 26 अक्टूबर को शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता द्वारा जारी अधिसूचना में हरियाणा नगर निगम कर्मचारी (भर्ती और प्रतिबंध) सेवा नियमावली, 1998 में संशोधन कर भर्ती एजेंसी के नाम से नया क्लास लगाया गया है। उस खंड को समाप्त कर दिया गया है जिसमें नगर निगम निगम की भर्ती एवं चयन हेतु दो प्रकार की बिक्री समिति का उल्लेख हुआ था।
कुछ रिक्रूटमेंट शहरी निकाय विभाग के सचिव की जिम्मेदारी में नगर निगम कमिश्नर और दो अन्य सरकारी अधिकारियों की समितियां शामिल थीं, जबकि अन्य रिक्रूटमेंट के लिए भर्ती की जिम्मेदारी नगर निगम कमिश्नर की भर्ती की जिम्मेदारी में शामिल थी नगर निगम का वयोवृद्ध ज्वाइंट कमिश्नर, अल्लाह का एक प्रतिनिधि और एक अन्य सरकारी अधिकारी शामिल हुआ था।
इस बीच, सोशलिस्ट ने कहा कि बेशक हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 67(2) के तहत प्रदेश सरकार के पास नगर निगम कर्मचारियों की भर्ती और सेवा प्रावधान आदि नियम बनाने का कानूनी अधिकार है, जिसके तहत आज से 25 वर्ष पूर्व सितम्बर 1998 में सेवा नियम बनाये गये थे।
हालांकि प्रदेश में तब केवल एक फरीदाबाद नगर निगम मौजूद था और आज 11 नगर निगम हैं। प्रदेश सरकार चाहे तो उक्त 1998 सेवा नियमों में संशोधन कर नगर निगम कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया चयन समिति के स्थान पर किसी भर्ती एजेंसी को दे सकती है परंतु ध्यान देने योग्य है कि नगर निगम कानून, 1994 की धारा 67 (4) के अनुसार नगर निगम सेवा में नियुक्त कर्मियों का दर्जा हरियाणा के अन्य सरकारी कर्मचारी के बराबर नहीं होता है।
इसलिए ऐसे में हरियाणा लोक सेवा आयोग या हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से नगर निगम कर्मियों की भर्ती हेतु चयन करवाने के स्थान पर नगर निकाय कर्मियों के भर्ती एवं चयन के लिए तौर पर कोई विशेष भर्ती एजेंसी बनाई जानी चाहिए।