कैथल : पूत कपूत हो सकता है। लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती। एक मां ने इस कहावत को भी झूठा साबित कर दिया। दरअसल चार बच्चों को छोड़कर महिला ने दूसरी शादी कर ली है। महिला की घर से जाने के बाद ये बच्चे दर- दर की ठोकर खा रहे है। जानें क्या है पूूरा मामला
– यह परिवार एक झुग्गी में रह रहा है। बच्चों के पास खुद की अपनी झुग्गी- झोपड़ी भी नहीं है।
– एक रिश्तेदार ने अपनी झुग्गी में बच्चों को शरण दी हुई है।
– परिवार के सदस्य अपने आप को यूपी के कानपुर जिले के रहने वाले बता रहे हैं।
– 13 साल के शिवा ने बताया मेरे पिता की टीवी की बीमारी के कारण आठ महीने पहले मौत हो गई।
– उनकी मौत के दो माह बाद मेरी मां उर्मिला ने सभी भाइयों को छोड़कर दूसरी शादी कर ली।
– चाचा ने ही सभी भाइयों को संभाला। चाय की दुकान पर भी उसके चाचा ने लगवाया ।
बच्चों का नहीं हो रहा एडमिशन
– शिवा का कहना है कि अपने तीनों छोटे भाई अर्जुन 6, रोहित 8 व शनि (4 साल) को स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए लेकर गया। लेकिन मास्टर बच्चों के कागजात मांग रहे हैं। उनके पास कोई भी कागजात नहीं है।
– न तो हमारा राशन कार्ड बना है और न ही किसी का आधार कार्ड बना है। वह तीनों भाइयों को पढ़ाना चाहता हैं। लेकिन किसी भी स्कूल में दाखिल नहीं किया जा रहा है।
– धर्मपाल ने बताया कि चारों बच्चे सर्वशिक्षा अभियान ऑफिस के सामने रहते हैं।
– डिस्ट्रीक्ट एजुकेशन ऑफिसर का ऑफिस यहां से चंद कदम दूरी पर है। लेकिन कोई भी कर्मचारी व अधिकारी इन बच्चों की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।