Bihar/Alive News : बिहार के बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई और बांका सरकारी स्कूलों में भीषण गर्मी के कारण 70 से अधिक बच्चे बेहोश जमीन पर गिर गए। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश है। अभिभावकों का कहना है कि भीषण गर्मी में भी बच्चों को छुट्टी नहीं दी गई है। शिकायत करने पर कहा जाता है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूल को बंद करने का आदेश नहीं दिया है। अभिभावकों का कहना है कि 42 से 45 डिग्री तापमान के कारण बच्चे स्कूल में ही बीमार पड़ रहे हैं।
बेगूसराय में बढ़ते गर्मी के बीच अलग-अलग स्कूलों में पढ़ रहे 41 से अधिक बच्चे बेहोश हो गए। बेहोशी के हालात में छात्र और छात्राओं को उसे जगह से उठाकर इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां सभी छात्रा का इलाज चल रहा है। शेखपुरा के एक स्कूल में लू के कारण कई छात्र बेहोश हो गए। सभी छात्रों के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बताया जा रहा है कि मनकौल गांव के हाई स्कूल में एक के बाद एक 13 से अधिक बच्चे बेहोश होने लगे। आननफानन में उन्हें शिक्षकों ने स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती करवाया। वहीं मुंगेर के धरहरा प्रखंड के तीन स्कूलों पांच छात्र बेहोश हो गए। इतना ही नहीं उच्च विद्यालय हेमराजपुर में परीक्षा के दौरान एक शिक्षक भी बेहोश हो गए। बांका जिले के शंभूगंज के मिर्जापुर पंचायत स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय में खाना बनाने के दौरान रसोइया बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश है।
वहीं जमुई के उत्क्रमित विद्यालय में तीन बच्चे, नर्बदा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में एक बच्चे, बरहट प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चौहानगढ़ में दो, कन्या मध्य विद्यालय मलयपुर में आठ बच्ची व दो शिक्षक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय नरसोता में एक बच्ची तथा लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत मकतब स्कूल मटिया के दो बच्चे बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। जहां आननफानन में स्कूल के शिक्षकों ने बच्चे को क्लास रूम में बेंच पर सुलाकर होश में लाया गया और इसकी सूचना बच्चे के अभिभावक को दी गई। जिसके बाद अभिभावक बच्चे को अपने साथ ले गए। वहीं लक्ष्मीपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय छप्परघुट्टो की प्रधनाध्यापिका मेरीगोरेटी सोरेन की भी तबीयत बिगड़ गई जिससे बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। हालांकि लक्ष्मीपुर के अलावा जमुई सदर में एक शिक्षक, झाझा में दो शिक्षक के बेहोश होने की सूचना है।
बिहार सरकार से इस समस्या को गंभीरता से लें
शिक्षक और अभिभावकों ने बिहार सरकार से इस समस्या को गंभीरता से लेने को कहा। स्थानीय लोगों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक को भीषण गर्मी में स्कूल बंद करने का आदेश जारी करना चाहिए। इस कारण शिक्षक एवं विद्यालय में पढ़ रहे छात्र एवं छात्रा काफी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि आज 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान है। सरकार इस मामले को गंभीरता से ले। दरअसल, ठंड के मौसम में पटना के तत्कालीन जिलाधिकारी के स्कूल बंदी के आदेश पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इतनी चिट्ठीबाजी की थी कि उसके बाद किसी जिले के डीएम इस तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाह रहे। उस चिट्ठीबाजी का अंत पटना डीएम के ट्रांसफर से हुआ था। इसके पहले महागठबंधन सरकार के शिक्षा मंत्री का विभाग भी केके पाठक से झंझट के कारण बदला गया था। शिक्षा विभाग ने इस भीषण गर्मी में बच्चों को हर साल मिलने वाली गर्मी छुट्टी की जगह स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों को आने का निर्देश दे रखा है। नहीं आने पर शिक्षकों की नौकरी और छात्र-छात्राओं के दाखिले पर खतरा है, इसलिए यह स्थिति हो रही है।
बिहार में पिछले 12 साल का रिकॉर्ड टूट गया
बिहार में गर्मी से लोग बेहाल हैं। पछुवा हवा ने पटना में दक्षिण बिहार के कई जिलों में झुलसा दिया। बिहार में पिछले 12 साल का रिकॉर्ड टूट गया। अधिकतम तापमान औरंगाबाद में 47.7 डिग्री और डेहरी में 47 डिग्री दर्ज किया गया। इससे पहले 12 जून 2012 को औरंगाबाद का अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री दर्ज किया गया था। मौसम विभाग ने बक्सर, औरंगाबाद, गया, भभुआ और रोहतास में हीट वेव का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, भभुआ, रोहतास, औरंगाबाद, एवं नवादा में गर्म रात्रि रहने के आसार हैं।