November 16, 2024

6 लाख से ज्यादा की खरीदारी, तो सरकार को भेजी जायगी रिपोर्ट

New delhi/Alive News : कालेधन और अवैध लेनदेन पर शिकंजा कसने के लिए मोदी सरकार लगातार कदम उठा रही है. अब 6 लाख रुपये से ज्यादा की खरीदारी करने वालों का ब्यौरा जुटाने की तैयारी हो रही है. हालांकि यह ब्यौरा दुकानदारों से लिया जाएगा और सिर्फ कुछ खास चीजों की खरीदारी इसमें शामिल होगी. यह जानकारी फाइनेंश‍ियल ट्रांजैक्शन यूनिट (FTU) को देनी पड़ेगी. सरकार जल्द ही इस व्यवस्था को लाने की तैयारी कर रही है.

उन दुकानदारों को अपनी खरीदारी का ब्यौरा देना होगा, जिन्होंने 6 लाख रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी अथवा लग्जरी गुड्स खरीदे होंगे. इस ब्यौरे को जमा करने के पीछे मकसद उन लोगों पर श‍िकंजा कसना है, जो मनी लॉन्ड्र‍िंग और काले धन को खपाने में जुटे हुए हैं.

वैश्व‍िक स्तर पर ऐसे लेनदेन के लिए 10 हजार डॉलर (करीब 6 लाख 37 हजार रुपये) की सीमा तय है. एक सरकारी कर्मचारी के हवाले से लिखा है कि भारत में भी ऐसे लेनदेन के लिए एक सीमा तय करने की बात चल रही है. इसके लिए 6 लाख रुपये की सीमा तय करने पर स‍हमति बन सकती है.

इस अभ‍ियान के तहत सरकार ऐसे लेनदेन का ब्यौरा जमा करेगी, जो 6 लाख रुपये से ज्यादा के हैं. यह रिपोर्ट ज्वैलरी या फिर कोई लग्जरी सामान खरीदने के मामले में ही देनी होगी. इस डाटा की बदौलत प्रवर्तन निदेशालय समेत अन्य सरकारी एजेंसियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच करने में आसानी होगी और यह डाटा इस जांच में इस्तेमाल किया जा सकेगा.

ये रिपोर्ट आयकर विभाग का काम भी आसान करेगी. इस रिपोर्ट के जरिये आयकर विभाग उन लोगों पर आसानी से श‍िकंजा कस सकेगा, जिनकी कमाई उनके आय के स्रोतों से मैच नहीं करती है.

मोदी सरकार लगातार कालेधन और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अभ‍ियान चलाए हुए है. इसके तहत सरकार ने शेल कंपनियों के ख‍िलाफ भी बड़े स्तर पर कार्रवाई की है.

इसके अलावा सरकार ने बेनामी संपति की खरीद-फरोख्त पर लगाम कसने के लिए बेनामी संपति अध‍िनियम भी लाया है. इसके अलावा सरकार ने 50 हजार रुपये से ज्यादा के लेनदेन करने पर पैन नंबर देना अनिवार्य कर द‍िया गया है.