Uttar Pradesh/Alive News : योगी सरकार द्वारा मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के बाद मंत्री मोहसिन रजा गुरुवार को अपनी पत्नी, मां, ससुर और अपने बेटे के साथ निकाहनामा रजिस्टर कराने कलेक्ट्रेट पहुंचे. परिवार ने इसके लिए एक बार फिर शादियों जैसी तैयारियां कीं. मोहसिन रजा की पत्नी ने मेहंदी लगाई और वकायदा गहने भी पहने फिर अपने माता-पिता और पति मोहसिन रज़ा के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची.
गौरतलब है कि 16 साल पहले मोहसिन रज़ा की शादी हो चुकी है, मंगलवार को योगी कैबिनेट के फैसले के बाद इन्होंने अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने का फैसला किया. कैबिनेट की बैठक में रजिस्ट्रेशन कराने की अनिवार्यता पर मुहर लगाई थी जिसके तहत सभी नए पुराने दंपत्ति को अपनी शादी या निकाहनामे को रजिस्टर कराना जरूरी होगा. शादियों का रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड से जुड़ेगा तभी किसी योजना का लाभ परिवार उठा सकेगा.
मोहसिन रजा का कहना है कि वो एक जिम्मेदार पद पर बैठे हैं, उन्होंने इसकी पहल की है. ऐसे में इसका मैसेज पूरे समुदाय में जाएगा. मोहसिन रजा के मुताबिक यह ऐसी पहल है जिससे खुद-ब-खुद ट्रिपल तलाक पर काफी हद तक रोक लग जाएगी और औरतों को अधिकार के तौर पर बड़ा हथियार हाथ लगेगा.
खस्ता हालत में निकाहनामे के कागजात
मोहसिन रजा और उनकी पत्नी ने अपने निकाहनामे के कागजात को दिखाते हुए कहा देख सकते हैं कि किस हाल में ये कागजात हैं. ज्यादातर परिवारों में तो ये कागजात होते ही नहीं. ऐसे में अगर कोई पति छोड़ दे तो औरतें कहां जाएं.
उलेमाओं ने उठाया सवाल
हालांकि सुन्नी उलेमा फिरंगी महली ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि सरकार को ऐसा फैसला लेने के पहले मौलानाओं और उलेमाओं से राय मशविरा करना चाहिए था. योगी सरकार ने शादियों के पंजीकरण को तमाम सरकारी योजनाओं से लिंक करने का फैसला किया है, ताकि सभी सरकारी योजनाओं में पति-पत्नी और परिवार का पूरा विवरण सरकार के पास रहे. सरकार ने यह भी तय किया है कि सिर्फ 10 रुपये में शादियों का रजिस्ट्रेशन होगा और एक साल के भीतर सभी नए पुराने दंपत्तियों को चाहे वे किसी भी मजहब को मानने वाले हों उन्हें अपनी शादी का पंजीकरण करवाना होगा. जो ऐसा नहीं करेंगे वे तमाम सरकारी योजनाओं से अलग होंगे.