November 19, 2024

बिहार में संजय गांधी की नसबंदी कैंपेन जैसा बना मोदी का स्वच्छता अभियान

Bihar/Alive News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर देश को स्वच्छ बनाने की बात कहते रहते हैं. इसी मुहिम के तहत उन्होंने देशवासियों को खुले में शौच न करने का संकल्प भी दिलाया है. स्वच्छता को लेकर पीएम मोदी किस हद तक गंभीर हैं, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि अपने पंद्रह अगस्त के भाषण तक में उन्होंने इसका जिक्र किया और खुद भी दिल्ली के वाल्मीकि नगर में झाड़ू लगाने की उनकी तस्वीर सुर्खियों में रही.

पीएम की इस स्वच्छता मुहिम को बिहार के सीतामढ़ी जिले के जिलाधिकारी जिस तरह से लागू करवा रहे हैं, उससे सवाल उठने लगे हैं. जिला अधिकारी राजीव रोशन के नेतृत्व में जिले के अफसर सुबह-सुबह गांव-देहात और खेत-खलिहान की तरफ निकल पड़ते हैं. इस दौरान खुले में शौच करते पाए जाने वाले महिला-पुरूष को गिरफ्तार कर उन्हें नजदीकी थाने ले जाया जाता है. जहां उनसे बांड भरवाकर ही उन्हें छोड़ा जाता है.

स्थानीय वेबसाइट अप्पन समाचार के मुताबिक टीम ने पिछले एक हफ्ते में 667 लोगों को खुले में शौच करते पकड़ा, जिनमें चार को जेल में डाल दिया गया तथा 663 को जुर्माना वसूलकर छोड़ा गया. गौरतलब है कि 30 जुलाई तक जिले की 273 पंचायतों से से 236 को ओडीएफ घोषित किया गया है. डीएम ने इस अभियान को ‘स्वच्छता चक्र प्रवर्तन’ नाम दिया है.

इस बारे में आज तक.इन ने जिला अधिकारी राजीव रौशन से बात करने की कोशिश की. विफल रहने पर बेलसंड के प्रखंड विकास अधिकारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह को फोन किया. बेलसंड प्रखंड ओडीएफ घोषित हो चुका है. सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया,’इस माध्यम से देश सेवा करने का मौका मिला है. हर आदमी शहीद थोड़े न होता है. प्रखंड को ओडीएफ घोषित करवाने के लिए हमें एक महीने बहुत मेहनत करनी पड़ी. अभी तक हमने प्रखंड में सौ लोगों को खुले में शौच करने के लिए पकड़ा है. गिरफ्तार करके उन्हें थाने ले जाते हैं. वहां जो आर्थिक तौर से कमज़ोर दिखता है उससे फाइन नहीं लेते हैं. उठक-बैठक करवाकर, फोटो-वोटो लेकर छोड़ देते हैं ताकि मानसिक दबाव बने. अभी तक हमने पचास हज़ार रुपये फाइन के तौर पर वसूले हैं जिसे प्रखंड के सभी मुखियाओं के बीच बांट दिया गया है और उन्हें कहा गया है कि वो इस पैसे से सार्वजनिक शौचालय बनवाएं.’

हमने उन लोगों से भी बात की जिन्हें इस मुहिम के तहत अरेस्ट किया गया था. गांव राम नगर निवासी रामएकबाल राय को ओडीएफ की टीम ने पकड़ा था. वो कहते हैं, ‘खरिहान गए थे. बहुत तेज शौच लगा तो अपने ही खेत में बैठ गए और पकड़ लिए गए.’ बकौल रामएकबाल उनके घर में शौचालय नहीं है. उन्होंने मुखिया और बीडीओ से शौचालय बनवाने के लिए मदद चाही तो उनसे कहा गया कि पहले बनवा लीजिए तब पैसा मिलेगा.

बथनाहा पश्चिमी पंचायत के निवासी गणेश राय को भी ओडीएफ टीम ने 27 जुलाई को शौच करते गिरफ्तार किया था. वो बताते हैं, ‘खेत देखने गए थे. घर से दूर. वहां शौच लगा, बैठ गए तो उन्होंने पकड़ लिया. वो प्रखंड के लोग थे. पांच सौ रुपया लिया तब छोड़ा.’

इस बारे में सीतामढ़ी संघर्ष समिति से जुड़े मो. शम्स शाहनवाज कहते हैं कि जिन प्रखंडों को ओडीएफ घोषित किया गया है वहां बहुत से घर ऐसे हैं जिनमें आज भी शौचालय नहीं हैं. कई मामलों में कागज पर ही शौचालय बना है. दूसरी तरफ प्रशासन लोगों को खुले में शौच करने पर पकड़ रहा है. जुर्माना लगा रहा है. कोई यह नहीं बता रहा है कि जिनके पास शौचालय नहीं है वो शौच करने कहां जाएं. जिले में जो प्रमुख बाजार हैं. डीएम दफ्तर, बीडीओ दफ्तर और यहां तक कि जिला अदालत तक के पास भी सार्वजनिक शौचालय नहीं हैं. ऐसे में अगर कोई इन दफ्तरों में आता है और उसे शौच के लिए जाना पड़ता है तो कहां जाएगा?’