Faridabad/Alive News : मंगलवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि डबुआ सब्ज़ी मंडी में पूर्व पार्षदों को भी फंड आवंटित कर दिए गए। जबकि जिदंगी में उन्होंने कभी सब्ज़ी नहीं बेची, सीएम विंडो के एमिनेंट परसन तक को फड़ दे डाला है। लगभग 100 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा सत्र के दौरान उठाया था और उन्हीं की पहल पर विधानसभा अध्यक्ष ने तीन विधायकों की कमेटी का गठन कर मामले की जांच के आदेश दिए थे।
लेकिन बात सिर्फ़ पैसे की नहीं है बल्कि 700 ग़रीब सब्ज़ी विक्रेताओं के साथ मनोहरलाल सरकार ने भद्दा मज़ाक किया है। आमतौर पर भाजपा सरकार पारदर्शिता की बात करती है। लेकिन इस पूरी आवंटन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को ऐसे समझा जा सकता है कि इस मामले की वीडियोग्राफी तक नहीं कराई गई। शर्मा ने कहा कि जब ये फड़ आवंटन किया गया तब तमाम नियमों को ताक पर रख दिया गया था। 6 जुलाई 2019 को किए गए इस आवंटन में कम से कम सौ करोड़ रुपया का घोटाला हुआ है और विधायक शर्मा ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की माँग भी की।
सोमवार को विभाग की ओर से इस मामले में संलिप्त पाए गए सात अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। जांच कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने के बाद बाहर निकले विधायक नीरज शर्मा ने कमेटी की कार्यवाहीं को गोपनीय बता कर उसकी जानकारी देने से इंकार कर दिया। शर्मा ने कहा कि जो लोग वास्तव में सब्ज़ी बेचने का काम करते हैं उनको तो ये फड़ अलॉट नहीं किए गए बल्कि तत्कालीन मंत्रियों, विधायकों, नेताओं और अफ़सरों के चहेतों को इन फड़ की बंदरबाँट कर दी गई।
मीटिंग में विधायक दीपक मंगला, विधायक गीता भुक्कल, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिक सुमित्रा मिश्रा, मुख्य प्रशासक हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड टी०एल० सत्य प्रकाश उपस्थित रहे।