Faridabad/Alive News: राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य एससीपीसीआर गणेश कुमार और सदस्य एससीपीसीआर सुमन देवी ने आज शुक्रवार को लघु सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हाल में जिला के सभी स्टॉक होल्डर की बच्चों के सर्वांगीण विकास कार्यों के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सर्वप्रथम बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों का परिचय लिया और अपना परिचय देते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग के मुख्य बिदुओं को विस्तार से बताया। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, पुलिस, उद्योग, सीडब्ल्यूसी, जेजेबी, आरडब्ल्यूए, बाल देखभाल संस्थानों, अवलोकन गृह, स्थान सहित विभिन्न विभागों के साथ हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एचएससीपीसीआर) द्वारा बाल अधिकारों की सुरक्षा पर जिला स्तरीय हितधारकों को महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी के सहयोग से जीरो से 18 वर्ष तक आयु के बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था बारे मंत्रणा भी की गई।
उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को एक साथ मिलकर बच्चों की सुरक्षा एवं कल्याण के लिये दिशा-निर्देश दिए। वहीं प्रत्येक विभाग द्वारा बाल कल्याण एवं संरक्षण के बारे में पिछले तीन वर्षों का ब्यौरा भी एक-एक करके बिन्दुवार लिया।
राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्यों ने भविष्य में विभाग द्वारा बच्चों के विकास के लिए क्या -2 कार्यकलाप किये जाने हैं व उनकी व्यवस्थाओं पर बारीकियों से विस्तार पूर्वक चर्चा की।
समीक्षा बैठक में इन अधिकारियो को दिशा-निर्देश दिए
सदस्य राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग/ एससीपीसीआर गणेश कुमार और सुमन देवी सदस्य एससीपीसीआर ने स्वास्थ्य सम्बंधित डॉ महेंद्र गोयल से पॉस्को एक्ट अंर्तगत आने वाले बच्चों की समस्याओं पर गम्भीरता के चिकित्सीय रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने के दिशा निर्देश दिए। वहीं लेबर विभाग से उपस्थित हुए अधिकारी से पूछा की चाइल्ड लेबर के कितने मुकदमे दर्ज किये गए है उन पर क्या कार्यवाही अमल मे लायी गई समीक्षा बारिकी से की। बाल कल्याण सीमिति के चैयरपर्सन पाल कहराना से पूछा जिला में बच्चों से सम्बंधित किस किस प्रकार के केस आते हैं। हर महीने में कितने केस आ जाते हैं बारे विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने सेफ हाऊस में किसी बच्चे की पिटाई के मामले में सीडब्ल्यूसी को एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दिए। उप जिला शिक्षा अधिकारी को विद्यालयों के बारे में चर्चा की तथा निर्देश दिए कि बच्चों को शारिरिक दण्ड ना दिया जाये उनके साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार किया जाये। जिन स्कूलों में पीने के पानी व टॉयलेट्स की व्यवस्था नही है। उसमे समुचित व्यवस्था करवाई जाए। ड्राप आउट जिन बच्चों के दाखिले नही हुए है। उनके आरटीई नियम के तहत एफिडेविट के आधार पर दाखिला दिया जाए।जिला बाल कल्याण अधिकारी एसएल खत्री ने नागरिक/ बीके हॉस्पिटल में अपने अभिभावकों के साथ आने वाले बच्चों के लिए बाल संगम केंद्र खोलने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जगह उपलब्ध करवाने का सुझाव रखा। जिसके लिए जगह उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
ये रहे मौजूद
इस दौरान पीओ आईसीडीएस डाक्टर मंजु श्योरान, डीसीपीओ गरिमा सिंह तोमर, जिला बाल कल्याण अधिकारी एसएल खत्री, उप जिला शिक्षा अधिकारी सतीश चन्द्र, बाल सरक्षण कौसंलर अपर्णा, महिला पुलिस निरीक्षक गीता देवी, युद्धवीर सामाजिक कार्यकर्ता डीसीपीयू सहित अन्य अधिकारी और एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।