Faridabad/Alive News : मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) की फैकल्टी ऑफ मीडिया स्टडीज एंड ह्यूमैनिटीज (एफएमइएच) के द्वारा नैशनल मीडिया कॉनक्लेव का आयोजन मीडिया आउटरीच जिम्मेदारी व जवाबदेही विषय पर किया गया। कॉनक्लेव में बतौर विषय अतिथि बीएजी नैटवर्क की चेयरपर्सन व एमडी अनुराधा प्रसाद, गो न्यूज के फाउंडर एंड एडिटर इन चीफ पंकज पचौरी, द वायर के फाउंडिंग एडिटर एमके वेनू, राज्यसभा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश बादल, इंडिया टूडे से अजीत अंजुम, इंडिया फाउंडेशन जनरल के एसिस्टैंट एडिटर शुभस्त्रा मौजूद, इकोनोमिक्स टाइम्स डॉट कॉम के कंसल्टिंग एडिटर सौरभ भट्टाचार्य मौजूद रहे।
अतिथियों का स्वागत वाइस चांसलर डॉ.एन.सी.वाधवा, मानव रचना यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ.संजय श्रीवास्तव, एफएमइएच की डीन डॉ. नीमोधर मौजूद रहे। कार्यक्रम में सभी को संबोधित करते हुए डॉ. एन.सी.वाधवा ने कहा कि पिछले दस सालों में मीडिया की पहुंच में बहुत बदलाव आया है। सोशल मीडिया ने एक तरफ जानकारी को दूसरों तक मिनटों में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन इससे मीडिया की जिम्मेदारी व जवाबदेही भी बढ़ी है। ऐसे में मीडिया की आजादी खोए बिना उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही के लिए नई योजना बनाए जाना बहुत जरूरी हो गया है।
मुझे उम्मीद है कि स्टूडेंट्स को इस तरह के कार्यक्रम व मीडिया दिग्गजों के अनुभव से काफी फायदा मिलेगा। वहीं विशिष्ट अतिथि ने अनुराधा प्रसाद ने इस मौके पर कहा कि मीडिया स्टूडेंट्स को अहंकारी जानकारी की सोच से दूर रहना पड़ेगा जो कि आज इंडस्ट्री में कॉमन है। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस प्रैफेशन को चुना है तो उसकी जिम्मेदारी से मुकरना संभव नहीं। हमें खुद पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है ऐसे में जिम्मेदारी व जवाबदेही खुद से ही शुरू होती है।
उन्होंने स्टूडेंट्स को कहा कि मीडिया स्टूडेंट्स दिन की शुरुआत ज्यादा से ज्यादा ज्ञान एकत्रित करने से करें, तभी वह सवालों को जन्म दे पाएंगे। इस मौके पर पंकज पचौरी ने स्टूडेंट्स को न्यूज ब्रॉडकास्र्टस असोसिएशन के बारे में बताया वह उनकी द्वारा बनाए गए नियमों के बारे में स्टूडेंट्स को पढऩे के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में जहां हर नागरिक पत्रकार है, वहां मीडिया स्टूडेंट्स को अपनी जिम्मेदारी के मापदंड खुद ही तय करने चाहिए। स्टूडेंट्स को किसी भी जानकारी को आगे ले जाने से पहले उस पर विचार करना व उसको प्रदर्शित किए जाने के रूप में तैयार करना चाहिए और आज से ही सवालों को पूछने की कला को शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि इसी से ही बेहतर जानकारी का विकास किया जा सकता है।