Faridabad, 10 March:- फरीदाबाद नगर निगम के सैंकड़ों कर्मचारियों ने भोजनावकाश में नगर निगम मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। युनिस्पिल कारपोरेशन ई पलाईज फैडरेशन के अध्यक्ष अरूण कुमार भाटिया की अध्यक्षता में और संस्थापक महासचिव रतन लाल रोहिल्ला के नेतृत्व में किये गये इस रोष प्रदर्शन में पुरूष व महिला कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
इन कर्मचारियों ने अब एलान किया है कि निग्मायुक्त कार्यालय में काम कर रहे निगम के पूर्व निजी सचिव अशोक कुमार व पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एस.एल. मदान को निगम से नहीं हटाया गया और उनकी निग्मायुक्त के द्वारा मानी हुई अन्य मांगों के आदेश जारी नहीं किये गये तो निगम के तीनों जोनों के कर्मचारी आगामी 16 मार्च को एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर निगम मु यालय पर विशाल धरने का आयोजन करेंगे। इधर इन कर्मचारियों ने निगम में लगाए गये बायोमैटिऊक अटैंडेंस सिस्टम को अव्वल दर्जे का घटिया सिस्टम बताते हुए आज सायं से ही इस सिस्टम का बायकाट करने का एलान भी कर दिया और कहा कि जब तक उच्च तकनीक वाले अच्छे कवालिटी के सिस्टम को नहीं लगाया जायेगा, फील्ड स्टाफ व रिकवरी स्टाफ को इससे छूट नहीं मिलती है और ठीक पांच बजे व अवकाश के दिनों में कार्यालय को बंद रखने के आदेश नहीं दिये जाते हैं तब तक बायोमैटिऊक अटैंडेंस सिस्टम का कर्मचारी बायकाट करेंगे। इन कर्मचारियों के आंदोलन को उस समय काफी मजबूती मिली, जब नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने प्रदर्शनकारियों को स बोधित करते हुए कार्यालय कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन किया और आगामी 16 मार्च के विशाल धरने में बढ़-चढ़ कर भाग लेने का एलान किया।
कर्मी नेता महेन्द्र चौटाला, रमेश जागलान, शाहाबीर खान, टेक चंद सौरोत, अमरजीत सिंह, लाला राम नरवत, रण सिंह भड़ाना, अतर सिंह भड़ाना, दशरथ रेढ़ू, अतर सिंह तालू, संजय मेवला, धीर सिंह आदि नेताओं ने अपने स बोधन में नगर निगम की कार्यप्रणाली में सुधार करने की निग्मायुक्त की सोच का समर्थन किया, लेकिन तरीके का विरोध किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कराधान विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी के बावजूद निग्मायुक्त के द्वारा कर वसूली के निर्धारित किये गये लक्ष्य से अधिक वसूली करने वाले कर्मचारी डिप्रैशन के शिकार हैं। उन्होंने निग्मायुक्त से अपील की है कि वे यूनियन व कर्मचारियों को विश्वास में लेकर नगर निगम की कार्यप्रणाली की सुधार के लिए कदम उठाये, कर्मचारियों व यूनियन के द्वारा उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया जायेगा, लेकिन डंडे के जोर पर अव्यवहारिक तरीके से काम करवाने की कोशिश की तो डट कर विरोध भी किया जायेगा।