November 18, 2024

कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में मधु कोड़ा को 3 साल सजा, 25 लाख जुर्माना

New Delhi/Alive News : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े एक मामले में दोषी पाए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच.सी.गुप्ता एवं अन्य को सजा सुना दी है. एक चैनल के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने मधु कोड़ा को तीन साल की सजा के साथ ही 25 लाख का जुर्माना लगाया. वहीं पूर्व कोयला सचिव को तीन साल की सजा सुनाते हुए एक लाख का आर्थिक दंड दिया गया है. विरीन आयरन एंड स्टील लिमिटिड पर कोर्ट ने 50 लाख का जुर्माना लगाया है. हालांकि, सजा सुनाए जाने के बाद मधु कोड़ा और तीन अन्य को उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए दो महीने की वैधानिक अंतरिम जमानत मिल गई.

विशिष्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति भरत पराशर ने शनिवार को सजा पर फैसला सुनाया. बता दें कि, शुक्रवार को हुई सुनवाई में सीबीआई की ओर से दोषियों के लिए सात साल की सजा की मांग की गई थी. वहीं दोषियों की ओर से अदालत से उदारता बरतने की मांग की गई थी.

क्‍या था मामला
यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटिड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में कथित अनियमिताओं से संबंधित है. कोड़ा, गुप्ता और कंपनी के अलावा, मामले में अन्य आरोपियों झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु, दो लोक सेवक– बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान को भी दोषी करार दिया गया है. इनको अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी(आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 409 (सरकारी कर्मियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में दोषी पाया है.

जिरह के दौरान सीबीआई ने कहा था कि कंपनी ने आठ जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन किया था. सीबीआई ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोयला खंड आवंटन करने की अनुशंसा नहीं की बल्कि 36वीं अनुवीक्षण समिति (स्क्रींनिग कमेटी) ने आरोपित कंपनी को खंड आवंटित करने की सिफारिश की थी.

तथ्‍यों को छुपाया गया
सीबीआई ने कहा कि अनुवीक्षण समिति के अध्यक्ष गुप्ता ने कोयला मंत्रालय का प्रभार भी देख रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कथित तौर पर इन तथ्यों को छुपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी. एजेंसी ने कहा कि कोड़ा, बसु और दो आरोपी लोकसेवकों ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटित करने के पक्ष में साजिश रची थी