Faridabad/AliveNews : रैड क्रॉस के भारत में 102 वर्ष पूर्ण होने पर तथा अंतरराष्ट्रीय रैड क्रॉस दिवस के उपलक्ष्य में गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल एनआईटी तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने पोस्टर और पेंटिंग के माध्यम से रेडक्रॉस द्वारा मानवतावादी गतिविधियों के फलस्वरूप प्राप्त किए गए चार नोबेल पुरस्कार एवं अन्य कार्यकलापों और उपलब्धियों से सभी छात्राओं और अध्यापकों को अवगत करवाया।
विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि वैश्वीकरण के युग में तेल और परमाणु हथियारों पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए युद्ध की बढ़ती आशंका और समय-समय पर भूकंप, तूफान और इसी प्रकार की अन्य अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के समय आने वाली कठिन परिस्थितियों से सामना करने में अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस जैसी संस्था का महत्व और अधिक बढ़ गया है। मनचंदा ने बताया कि रेड क्रॉस का चिन्ह् सफेद पट्टी पर लाल रंग का क्रॉस है। इस चिन्ह का गलत उपयोग करने पर कानून के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।
रेडक्रॉस के कर्मचारी, स्वयंसेवक एवम रेडक्रॉस के बैनर के अंतर्गत मानव कल्याण में जुटे व्यक्ति ही रेड क्रॉस के एंबलम का उपयोग कर सकते हैं। 9 फरवरी 1863 को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में पांच लोगों द्वारा इसकी नींव रखी गई थी। आज दो सौ दस से भी अधिक विभिन्न देशों में रेडक्रॉस संस्थाएं स्थापित हैं जो मानव जीवन के स्वास्थ्य तथा अन्य कई मुख्य उद्देश्यों हेतु कार्यरत हैं।
इस अवसर पर प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा, जे आर सी इंचार्ज प्राध्यापिका मनीषा, प्राध्यापिका मोनिका, प्राध्यापिका शीतू, शिवम, दीपक मदान एवम पूनम सहित सभी अध्यापकों ने पोस्टर और पेटिंग बनाने वाले सभी स्टूडेंट्स का अभिनंदन करते हुए सम्मानित किया।