Lucknow/Alive News : लखनऊ विश्वविद्यालय के मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के दो एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति को राजभवन ने गलत करार दिया है। राजभवन की तरफ से लखनऊ विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर दोनों शिक्षकों की शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का निर्देश दिया गया है।
इसके लिए राजभवन ने एक महीने की अवधि भी तय की है। राजभवन की ओर से जारी पत्र में दोनों शिक्षकों को नियुक्ति के समय अनर्ह बताया गया है।
विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग में पिछले साल डॉ. संगीता साहू और डॉ. हिमांशु मोहन की नियुक्ति एसोसिएट प्रोफेसर पद पर हुई थी। विभाग की शिक्षिका डॉ. रितु नारंग ने दोनों को पद के लिए अनर्ह बताते हुए राजभवन में शिकायत की थी। उनका कहना था कि नियमानुसार एसोसिएट प्रोफेसर पर नियुक्ति के लिए शोध पर्यवेक्षक होना जरूरी है।
ये दोनों शिक्षक यह अर्हता पूरी नहीं करते हैं। इसलिए दोनों की नियुक्ति गलत है। राजभवन ने इस चर्चा करने के बाद आरोप सही पाए हैं। राजभवन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि दोनों की नियुक्ति नियम विरुद्ध है। इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।
विवि में नियुक्तियां कार्य परिषद की ओर से की जाती हैं। इसलिए पत्र प्राप्त करने के एक महीने के भीतर दोनों नियुक्ति रद्द करके राजभवन को इसकी सूचना देने को कहा गया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि राज भवन ने दोनों शिक्षकों की अर्हता को गलत बताया है। नियुक्ति के दिन दोनों शिक्षक विवि के नियमों के अनुसार अर्हता पूरी नहीं करते थे। इसलिए राजभवन ने नियुक्तियां रद्द करने को कहा है। इस पर कार्यवाही के लिए मामला कार्य परिषद के सामने रखा जाएगा।