November 17, 2024

फेसबुक इस्तेमाल नहीं करने वालों के डेटा पर भी रखी जा रही नजर

निजता के हनन मामले में पहले ही फंसी फेसबुक पर एक और प्रश्नचिह्न लग गया है। बीते बुधवार को अमेरिकी संसद में हुई पूछताछ के दौरान सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक का उपयोग नहीं करने वालों का भी डेटा ट्रैक करने की बात स्वीकारी थी। जुकरबर्ग का कहना था कि ऐसा सुरक्षा कारणों से किया जाता है।

उनके इस बयान के बाद दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किग साइट पर लोगों का डेटा सुरक्षित रखने की बहस और तेज हो गई है। जुकरबर्ग के बयान के तुरंत बाद अमेरिकी सांसदों ने फेसबुक के इस कदम का विरोध किया। फेसबुक से कोई ऐसा तरीका खोजने को भी कहा गया जिससे फेसबुक इस्तेमाल नहीं करने वाले लोगों को पता चल सके कि साइट के पास उनसे संबंधित क्या-क्या जानकारी है?

आलोचकों ने फेसबुक से यह भी स्पष्ट करने की मांग की है कि डेटा किस तरह इकट्ठा किया जाता है और उसका इस्तेमाल कहां-कहां किया जाता है? इसके जवाब में फेसबुक ने एक बयान में कहा, ‘जिस तरह इंटरनेट काम करता है उससे इस तरह का डेटा इकट्ठा होना आसान है। कोई यूजर अपने दोस्त की ई-मेल आइडी अपलोड करता है तो उससे भी हमारे पास डेटा आ जाता है।

ब्राउजर आदि में संग्रहित छोटी फाइल, जिन्हें कुकीज कहते हैं, से भी डेटा इकट्ठा होता है। हालांकि यूजर अपने डिवाइस की सेटिंग बदल कर इन डेटा के इस्तेमाल को सीमित कर सकता है।’

कानून बनाने की हो रही मांग

नॉन-यूजर को उनसे संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कोई कदम उठाने से फेसबुक ने फिलहाल इन्कार किया है। इसके बाद से अमेरिकी सांसदों पर इसको लेकर कानून बनाने का दवाब डाला जा रहा है। इस कानून के मुताबिक किसी का डेटा इकट्ठा करने से पहले उसकी सहमति लेना जरूरी होगा।