Faridabad/Alive News : पाखल स्थित शिक्षा भारती स्कूल में विशेष पूजा के साथ लोहड़ी जलाई गई। कल मकर संक्रांति का त्यौहार है, लोहड़ी और मकर संक्रांति एक दूसरे से जुड़े रहने के कारण सांस्कृतिक उत्सव और धार्मिक पर्व का एक अद्भुत त्यौहार है। स्कूल की प्रिंसिपल सुशील गेरा ने लोहड़ी मनाने के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्सव और उमंग का पर्व है लोहड़ी। पंजाबी समाज बडे ही जोशो-खरोश के साथ लोहड़ी का यह पर्व मनाया जाता है। इसका सम्बन्ध मन्नत से जोड़ा गया है अर्थात जिस घर में नई बहू आई होती हैं या फिर संतान का जन्म हुआ होता है तो उस परिवार की ओर से ख़ुशी बांटते हुए लोहड़ी मनाई जाती है।
सगे-संबंधी और रिश्तेदार उन्हें आज के दिन विशेष सौगत के साथ बधाईयां भी देते है। समूह के साथ लोहड़ी पूजन करने के बाद उसमें तिल, गुड़, रेवड़ी एवं मूंगफली का भोग लगाया जाता है। स्टाफ और बच्चों का ढोल की थाप और पंजाबी गानो पर थिरकना और भांगड़ा नृत्य आज के इस आयोजन का विशेष आकर्षण रहा। स्कूल के डायरेक्टर एड्वोकेट सुरेन्द्र गेरा ने इस अवसर पर सभी को लोहड़ी एवं मकर संक्रांति की बधाई देते हुए कहा कि पंजाब में लोहड़ी का त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता हैं और इसकी तैयारी काफी दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं।
अनेक प्रकार के वाद्य यंत्रों के साथ जब लोहड़ी के गीत शुरू होते है तो स्त्री, पुरुष, बूढे-बच्चे सभी स्वर में स्वर, ताल में ताल मिलाकर नाचने लगते है। बच्चो और सारे स्टाफ ने मिलकर आज स्कूल के प्रांगण को छोटा पंजाब बना दिया। गेरा ने ओए, होए, होए, बारह वर्षी खंडन गया सी, खडक़े ले आंदा रेव्वड़ी को खूब सराहा।