Surajkund/Alive News: 37 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले की मुख्य चौपाल बुधवार को सांस्कृतिक कायर्कक्रमों के नाम रही। देश-विदेश से आए कलाकारों ने अपने रहन-सहन, खुशहाली व संस्कृति की समृद्ध विरासत को गीत-संगीत और नृत्य के संगम के साथ पर्यटकों के समक्ष प्रदर्शित किया। सभी कलाकारों ने गीत-संगीत व नृत्य कला के माध्यम से मेले की मुख्य चौपाल पर जमकर रंग बरसाया। कलाकारों ने अपने देश की मिट्टी की सुगंध को अपनी गायन व नृत्य शैली से मुख्य चौपाल पर बैठे पर्यटकों का भरपूर मनोरंजन किया। उड़ीसा के संबलपुर ट्रैवल एंड फोक आर्ट सेंटर ग्रुप ने आदिवासी डांस की मनमोहक प्रस्तुति दी। यह आदिवासी डांस उडीसा में पारंपरिक शादी विवाह के समय में किया जाने वाला नृत्य है। वहीं राजस्थान के कलाकारों ने शानदार चकरी नृत्य कर मुख्य चौपाल पर बैठे सभी पर्यटकों का मन मोह लिया।
यह रही विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियां
बुधवार को सूरजकुंड मेला की बङी चौपाल पर आयोजित सास्कृतिक कार्यक्रमों में युगांडा देश के कलाकारों ने पुरुष ड्रम के साथ रॉयल डांस की मनहारी प्रस्तृति दी। वहीं दूसरी ओर मालावी देश के कलाकारों द्वारा कुंजू विमबूजा की शानदार प्रस्तुति पेश की गई। कुंजू विमबूजा डांस मालावी देश का खुशहाली के मौके पर किया जाने वाला नृत्य है। जिम्बॉब्वे के कलाकारों ने टूआरामज्जा रामज्जा-रामज्जा टूआरामज्जा गीत के साथ मंवाडा डांस की सुंदर प्रस्तुति दी। जांबिया के कलाकारों ने सेपेलू मक्वासा और टोंबोसा नृत्य कर पर्यटकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। यह कलाकार आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश नृत्य द्वारा दे रहे हैं। बोस्तवाना देश के कलाकारों ने पीटीसी नृत्य द्वारा अपने परिवार की खुशी के लिए पूर्वजों के सम्मान में धन्यवाद रूपी नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके पश्चात घाना देश के कलाकारों द्वारा गाजू नृत्य और कोमोरोस के कलाकारों द्वारा दी गई सांबे डांस की प्रस्तुति ने मेले की मुख्य चौपाल पर रंग जमा दिया।