November 17, 2024

कहीं महामारी में न तब्दील हो जाए ‘स्वाइन फ्लू’

जागरूकता की कमी और अफवाह के आगे विफल डॉक्टर

Shafi Siddiqi/Alive News : स्वास्थ विभाग के लिए सिर दर्द बनी बिन मौसम स्वाईन फ्लू की एंट्री। स्वाईन फ्लू का असर वैसे तो बरसात और सर्दियों में अधिक देखने को मिलता है लेकिन इस बार मौसम से पहले ही स्वाई फ्लू ने एंट्री मार दी है, स्वाईन फ्लू की शहर में दस्तक के साथ ही 40 मामले प्रकाश में आए जिसमें 25 पॉजिटिव भी पाए गए। हम आपको बताते चले की अभी तक एक की मौत भी हो चुकी है। जिसको लेकर स्वास्थ विभाग गंभीर है। स्वाई फ्लू दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र और देश के तमाम कोने-कोने में अपना असर दिखा रहा है। यह बीमारी लोगों के बीच ह्यूआ बनी हुई है, इस बिमारी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इसके मामलों में इजाफा हो रहा है। कहीं ऐसा ना हो कि यह बीमारी महामारी का रूप धारण न कर ले। स्वाइन फ्लू के लक्षण, कारण और देखभाल पर जब शहर के स्पेशलिस्ट डॉक्टरो से हमारी टीम ने सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा…

– 2009 में भारत में स्वाइन फ्लू का पहला मामला
वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू का पहला मामला मैक्सिको में देखा गया था। उसके बाद यह बीमारी कई देशों में फैल गई। अमेरिका में इसका प्रकोप अधिक था। 11 मई 2009 को हैदराबाद के एयरपोर्ट पर एक यात्री की स्क्रीनिंग में एच1एन1 से पीडि़त होने की पुष्टि हुई। वह यात्री अमेरिका से हैदराबाद आया था। उसके बाद यह बीमारी महाराष्ट्र, अहमदाबाद, दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में फैल गई।

मौत का सिलसिला शुरू
वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू के संक्रमण के कारण 981 लोगों की मौत हुई थी। तब दिल्ली में 149 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2010 तक स्वाइन फ्लू ने देश में तांडव मचाया। इस वजह से वर्ष 2010 में देश भर में 1763 लोगों की मौज हुई। इसके बाद वर्ष 2011 में इसका प्रकोप कम रहा। इसके बाद वर्ष 2013 में दिल्ली में 16 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हुई थी। तब देश भर में करीब 700 लोग उसके शिकार हुए। इसके एक साल बाद वर्ष 2015 में जनवरी से अप्रैल के बीच अकेले दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 4266 मामलों की पुष्टि हुई थी, जिसमें से 12 लोगों की मौत हुई थी। इसी तरह अगर हरियाणा राज्य के फरीदाबाद जिला की बात करें तो यहां भी वर्ष 2015 में 250 मामले सामने आये थे। वहीं वर्ष 2016 में इस बीमारी का प्रकोप कम रहा। लेकिन इस वर्ष यह ग्राफ काफी कम रहा, इस बार स्वाइन फ्लू के 40 मामले सामने आये हैं, जिसमें तकऱीबन स्वाइन फ्लू के 25 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं और स्वाइन फ्लू के कारण अब तक एक वृद्ध की मौत हो चुकी है।

क्या है स्वाइन फ्लू के लक्षण ?
– स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा जैसे ही होते हैं
– नाक का लगातार बहना, छींक आना
– कफ, कोल्ड और लगातार खांसी
– मांसपेशियां में दर्द या अकडऩ
– सिर में भयानक दर्द
– नींद न आना, ज्यादा थकान
– दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढऩा
– गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना

बचाव जरूरी
स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार मरीज के आसपास रहने वाले लोगों और तिमारदारों को चपेट में ले लेता है। लिहाजा, किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखना चाहिए, स्वाइन फ्लू का मरीज जिस चीज का इस्तेमाल करे, उसे भी नहीं छूना चाहिए।

कैसे फैलता है स्वाइन फ्लू?
-स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में ट्रांसफर होता है
-खांसने, छींकने, थूकने से वायरस सेहतमंद लोगों तक पहुंच जाता है

डॉ अरविन्द मिंज और डॉ राम भगत की फोटो साथ में है।

क्या कहते है डॉक्टर ?

स्वाइन फ्लू बीमारी एच1 एन1 वायरस के कारण फैलती है और गर्भवती महिलायें, बच्चे, वृद्ध, डायविटीज रोगी, एचआईवी रोगी, दमा के रोगी व्रांकाइटिस के रोगी, नशे के लती, कुपोषण, एनीमिया एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग इस वायरस के चपेट में आसानी से आ जाते हैं, क्योंकि उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू का संक्रमण किसी स्वाइन फ्लू के रोगी के सम्पर्क में आने पर होता है। यह रोगी व्यक्ति से हाथ मिलाने, खांसने, छीकने या सामने से या नजदीक से बात करने से होता हैं स्वाइन फ्लू का वायरस श्वसन-तंत्र के रास्ते से शरीर में प्रवेश कर जाता है जिसके कारण स्वाइन फ्लू की बीमारी हो जाती है।
– डॉ अरविन्द मिंज एमबीबीएस एमडी (मेडिसिन) एम्स ।

– स्वास्थ विभाग इस बीमारी के आक्रमण से चिंतित है और इसकी रोकथाम एवं उपचार के लिये हर संभव उपाय कर रहे हैं फिर भी जनता दहशत में है। वैसे तो स्वाइन फ्लू भी वायरस जनित रोग है लेकिन हर फ्लू स्वाइन फ्लू नहीं होता है इसलिये घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि स्वाइन फ्लू से बचाव एवं उपचार पूरी तरह संभव है परन्तु सतर्क एवं सावधान रहने की जरूरत है।
– डॉ राम भगत, उप सिविल सर्जन, बी.के.अस्पताल ।