New Delhi/Alive News : राज्यसभा की तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय होने के बाद भी आम आदमी पार्टी में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. आम आदमी पार्टी ने पहली बार औपचारिक रूप से कुमार विश्वास पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है. एक चैनल के अनुसार आम आदमी पार्टी ने कहा कि क्योंकि कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल की सरकार गिराने की कोशिश की थी, इसलिए उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया. राज्यसभा में 2 बाहरी उम्मीदवार क्यों भेजे गए, इस पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने पार्टी कार्यकर्ताओं को फेसबुक लाइव के दौरान कहा कि ‘जो आम आदमी पार्टी की सरकार गिराने के लिए विधायकों को तोड़ने के षड्यंत्र में शामिल हो, जो सार्वजनिक तौर पर हर मंच का उपयोग पार्टी के खिलाफ बोलने में करता हो, उसे राज्यसभा में भेजा जा सकता है? वो पार्टी की आवाज़ बनेगा या पार्टी को खत्म करने के लिए काम करेगा? क्या ऐसे व्यक्ति को राज्यसभा भेजा जाना चहिए? मुझे लगता है कि बिल्कुल नहीं भेजा जाना चाहिए. इसलिए पार्टी ने ये निर्णय लिया.’
आप नेता गोपाल राय, कुमार विश्वास पर जिस तख्तापलट की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं, वो इससे पहले आऊटरों के हवाले से मीडिया में भी सामने आया था. मगर इस पर पार्टी ने कभी कोई औपचारिक बयान नही दिया था. मगर यह पहली बार है जब पार्टी ने खुलकर कुमार विश्वास पर साजिश रचने के आरोप लगाये हैं. बता दें कि मामला दिल्ली में नगर चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार के बाद का है. जब आम आदमी पार्टी में अंदरूनी बवाल मचा था. पहले पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कुमार विश्वास पर बीजपी एजेंट होने और केजरीवाल की सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था, जिसके बाद कुमार विश्वास नाराज हो गए थे और बातचीत करके उनको मनाया गया था. इसके बाद केजरीवाल ने अपने साथी कपिल मिश्रा को मंत्री पद से हटा दिया था.
इन्हीं सारे मामले को लेकर गोपाल राय का आरोप है कि ‘जिस तरह से दिल्ली की सरकार गिराने का पूरा षड्यंत्र किया गया, उसके केंद्र में कुमार विश्वास जी थे. इस षड्यंत्र की अधिकतर मीटिंग कुमार विश्वास के घर पर होती थी, कपिल मिश्रा उसके नायक थे और जब बात पता चली तो कपिल मिश्रा को बर्खास्त किया गया’. गोपाल राय ने कहा कि सब कुछ बर्दाश्त है लेकिन इस आंदोलन को खत्म करने की साज़िश बर्दाश्त नही करेंगे.
हालांकि गोपाल राय के इस बयान से कुछ सवाल खड़े हो गए हैं, जिसमे खुद आम आदमी पार्टी कटघरे में फंसती दिख रही है-
पहला सवाल- 30 अप्रैल को जब विधायक अमानतुल्लाह खान ने कुमार विश्वास पर बीजपी का एजेंट होने और केजरीवाल की सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया, जिसको लेकर विश्वास नाराज़ हुए और अमानतुल्लाह को निलंबित किया गया था. तो उस वक्त क्या अमानतुल्लाह सिर्फ मुखौटा थे या किसी के इशारे पर ये सब बोल रहे थे?
दूसरा सवाल- कपिल मिश्रा को हटाए जाने के वक्त बताया गया कि पानी की समस्या को दूर ना कर पाने की वजह से उन्हें हटाया गया है, लेकिन अब गोपाल दावा कर रहे हैं कि वो सरकार गिराने के षड्यंत्र में नायक थे? पहले का दावा सही माना जाए या अब का?
तीसरा सवाल- अगर कुमार विश्वास केजरीवाल की सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रहे थे, तो अमानतुल्लाह को निलंबित करके कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी क्यों बनाया?
इन सभी बिंदुओं को सिलसिलेवार तरीके से देखने पर यह बात पुख्ता होती है कि आम आदमी पार्टी और कुमार विश्वास के बीच लड़ाई अब और तीखी होने वाली है. अब आम आदमी पार्टी और कुमार विश्वास में आर-पार की लड़ाई देखने को मिल सकती है. फिलहाल कुमार विश्वास ने राज्यसभा में ना भेजे जाने के बाद से मीडिया से दूरी बनाई हुई है.