Faridabad/Alive News : संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग राजेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना(एनएसएस) समाज में रहकर सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति संवेदनशील होने के लिए जागरूक करते हैं। शिविर में भाग लेने से रचनात्मकता के साथ सामाजिक उत्थान की सोच भी विकसित होती है। इसके साथ आत्मनिर्भर बनने का गुर भी सिखा जाता है। वे एनएच तीन स्थित डीएवी शताब्दी कॉलेज में एनएसएस छात्रा व छात्र इकाई द्वारा शुरू हो रहे 7 दिवसीय शिविर के शुभारंभ के मौके पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हर छात्र को इस तरह की गतिविधि में हिस्सा लेने की जरूरत है। इस तरह की गतिविधियों में भाग लेने से नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने एनएसएस के माध्यम से छात्रों को सामाजिक रूप से संवेदनशील बनाने पर प्रिंसिपल डॉ. सतीश आहूजा को बधाई दी। एनएसएस(छात्रा) इकाई की संयोजिका डॉ सुनीति आहूजा व छात्र इकाई के संयोजक जितेन्द्र ढुल के दिशानिर्देश में इस विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर का शुभारम्भ मुख्यातिथि राजेश कुमार और प्रिंसिपल डॉ. सतीश आहूजा ने दीप प्रज्जवलित करके किया गया।
प्रिंसिपल डॉ. आहूजा ने कहा कि एन.एस.एस. के माध्यम से छात्रों में सेवा करने की भावना बढती है। स्वार्थ की भावना खत्म होती है। एन.एस.एस. से छात्रों को आत्मनिर्भर होने में सहायता मिलती है। उन्होंने प्रेरणादायक किस्से व कहानियों के माध्यम से स्वंयसेवक छात्र व छात्राओं को राष्ट्र सेवा व समाज सेवा के लिए प्रेरित किया। शिविर के प्रथम दिन के सायंकालीन सेशन में स्वंयसेवक छात्र व छात्राओं द्वारा सामाजिक भोज का आयोजन किया गया।
इस भोज में समाज के पिछडे व कमजोर वर्ग के लोगों को पौष्टिक आहार जैसे दाल, सब्जी, सलाद, फल आदि वितरित किए गए। सात दिवसीय विशेष शिविर में छात्रा ईकाई की 50 स्वयं सेविकाएं व छात्र इकाई के 50 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ.नरेन्द्र दुग्गल, डॉ.वनीता सपरा, अंजलि मनचंदा, प्रिया कपूर, सरोज कुमार, प्रमोद कुमार, अशोक मंगला, आनन्द सिंह, अजय, रेनु, मनीषा आदि का सहयोग रहा।