हर साल 22 फरवरी के दिन विश्व चिंतन दिवस मनाता है। इस दिन को मनाने की वजह लड़कियों के बीच सिस्टरहुड और महिला सशक्तिकरण को बढ़ाने की कोशिश है। साथ ही, दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में एक करोड़ से अधिक गर्ल स्काउट्स के लिए फंड्स बढ़ाना भी इस दिन का मकसद है।
विश्व चिंतन दिवस गर्ल स्काउट्स (Girl Scouts) के आपसी रिश्तों को मजबूत बनाते हुए सम्मान और वफादारी की भावना को बढ़ाने का दिन है। इस साल विश्व चिंतन दिवस की थीम है ‘हमारा विश्व, हमारा शांतिपूर्ण भविष्य’. चिंतन दिवस को मनाने की जरूरत फोर्थ फीमेल स्काउट इंटरनेशनल कोंफ्रेंस ने 1926 में महसूस की थी। इसके बाद ही कोंफ्रेस इस नतीजे पर पहुंची कि हर साल 22 फरवरी के दिन विश्व चिंतन दिवस मनाया जाएगा। इसके अलावा बॉय स्काउट्स के फाउंडर लोर्ड बेडेन-पॉवेल (Lord Baden-Powel) और उनकी पत्नी लेडी ओलेव बेडेन-पॉवेल, जिन्होंने संगठन के पहले ग्लोबल हेड गाइड के रूप में कार्य किया था, का जन्म भी 22 फरवरी के दिन ही हुआ था।
सातवीं वर्ल्ड कोंफ्रेंस जोकि पोलैंड में 1932 में हुई थी के दौरान इस बात को उल्लेखित किया गया कि उपरोक्त जन्मदिवसों को देखते हुए और उपकार प्रदान करने स्वरूप लड़कियां चिंतन दिवस के दिन फंड्स (Funds) के लिए दान दे सकती हैं। दान की प्रथा आज भी चल रही है. 1999 में चिंतन दिवस का नाम बदलकर विश्व चिंतन दिवस रख दिया गया जिसमें 30वीं वर्ल्ड कोंफ्रेंस के दौरान विश्व के अनेक देशों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।