November 19, 2024

जानिए क्यों ब्यूटी क्वीन जिनेमारी सिर्फ बूढ़ों को करती है डेट

हर दिन अपने बूढ़े डेट्स के साथ महंगे डिनर पर जाना, याच पार्टीज करना और सिर्फ डिजाइनर हैंडबैग्स की शॉपिंग करना, ये कुछ शौक हैं शुगर बेबी जिनेमारी अलमुला के। फ्लोरिडा में रहने वाली 25 साल की जिनेमारी काफी लैविश लाइफ जीती हैं। लेकिन कई ब्यूटी कॉन्टेस्ट्स जीतने वाली जिनेमारी की लाइफ हमेशा ऐसी नहीं थी।

हिजाब पहनने से कर दिया था इनकार…

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15 साल की उम्र में जिनेमारी ने मिस ब्यूटीफुल टीन और मिस एवलोक पार्क टीन USA का खिताब जीता था। एक बार उन्हें जबरदस्ती हिजाब तक पहनाने की कोशिश की गई थी। जब इनके घरवालों ने इनकी शादी एक शेख से तय कर दी, तो जिनेमारी अबु धाबी से भाग कर US आ गईं। यहां उन्होंने शुगर बेबी बनकर लाइफ अपने हिसाब से जीना शुरू किया। जिनेमारी केवल अमीर बूढ़ों को डेट करती हैं और उनके हिसाब से मर्द सिर्फ महिलाओं की देख-रेख करने वाले होते हैं। फिलहाल वो तीन लोगों को एक साथ डेट कर रही हैं।

नहीं करती हैं कोई जॉब
इतनी ऐशोआराम की लाइफ जीने वाली जिनेमारी कोई जॉब नहीं करती हैं। उनका कहना है कि हर दिन जेट स्की और याच पार्टीज अटेंड करने के बाद उनके पास ऑफिस जाकर काम करने के लिए टाइम ही नहीं बचता है। उनके सारे खर्च उनके डेट्स उठाते है, जो ज्यादातर बूढ़े अमीर होते हैं। मिआमी में उनका अपना अपार्टमेंट है, जो उन्होंने एक्स हसबैंड से अलग होने के बाद शुगर बेबी बन के खरीदा है।

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नहीं मानती इसमें कोई बुराई
उनका कहना है कि वो सिर्फ अपने लुक्स का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर अपनी लाइफ जीती हैं। इसमें उन्हें कोई बुराई नजर नहीं आती। यहां तक की वो दूसरी महिलाओं को भी ऐसा करने का सुझाव देती हैं। उनका मानना है कि आदमी सिर्फ महिलाओं का ध्यान रखने के लिए बनाए गए हैं। तो उनसे खर्च करवाने में कोई बुराई नहीं है। पहली डेट में उन्होंने करीब 70 हजार रुपए कमाए थे। तभी से उन्होंने इसी तरह लाइफ जीने का फैसला किया।

सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं फोटोज
जिनेमारी अपने लैविश लाइफ की फोटोज मीडिया पर शेयर। ब्रांडेड कपड़ों के अलावा प्राइवेट याच और जेट में सफर करती कई फोटोज उनके एकाउंट्स में शामिल हैं।

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जानती हैं तीन भाषाएं
जिनेमारी को तीन भाषाएं बोलनी आती हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन में डिग्री भी ली है। उनका कहना है कि शुगर बेबी प्रोस्टीट्यूट नहीं होतीं। कई लोगों को बात करने के लिए पार्टनर चाहिए होता है। हर कोई सेक्स की डिमांड नहीं करता। इसलिए ये काम बुरा नहीं है।

वीमेन इम्पावरमेंट पर लिख चुकी हैं किताब
जिनेमारी महिलाओं को उनकी मर्जी से लाइफ जीने के पक्ष में हैं। उन्होंने महिलाओं के लिए सेल्फ-हेल्प बुक भी लिखी है। इतना ही नहीं, लेबनान में फलस्तीनी रिफ्यूजी से मिलने से लेकर लड़कियों के स्काउट मीटिंग्स तक उन्होंने अटेंड किया है। शुगर बेबी होते हुए भी ये महिलाओं के हक के लिए काम करने का समय निकाल ही लेती हैं।