भारत में धर्म से जुड़े हुए काफी त्योहार मनाए जाते हैं। एक त्यौहार महाशिवरात्रि है। महाशिवरात्रि भगवान शिवजी से जुड़ा हुआ त्योहार है और भगवान शिव को पूरे देश में अलग-अलग रूपों में स्वीकारा गया है। पूरे देश में महाशिवरात्रि का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ‘महाशिवरात्रि क्यों मनाते हैं?’ अलग-अलग ग्रंथों में महाशिवरात्रि की अलग-अलग मान्यता मानी गई है।
कहा जाता है कि शुरुआत में भगवान शिव का केवल निराकार रूप था। भारतीय ग्रंथों के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर आधी रात को भगवान शिव निराकार से साकार रूप में आए थे। इस मान्यता के अनुसार भगवान शिव इस दिन अपने विशालकाय स्वरूप अग्निलिंग में प्रकट हुए थे। कुछ हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन से ही सृष्टि का निर्माण हुआ था। ऐसी मान्यता हैं की इसी दिन भगवान शिव करोड़ो सूर्यो के समान तेजस्व वाले लिंगरूप में प्रकट हुए थे।
भारतीय मान्यता के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सूर्य और चंद्र अधिक नजदीक रहते हैं। इस दिन को शीतल चन्द्रमा और रौद्र शिवरूपी सूर्य का मिलन माना जाता हैं। इसलिए इस चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता हैं।