International/Alive News: जून 1985 में हुई कनिष्क विमान दुर्घटना की गुरुवार को कनाडा की संसद में चर्चा हुई। भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि उक्त विमान में रखा बम फटने से 329 लोग मारे गए थे। उस विस्फोट के लिए जो विचारधारा जिम्मेदार थी, उससे अभी भी कनाडा के कुछ लोग प्रभावित हैं। सांसद आर्य ने कहा, खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से संबंधित समारोह आयोजित करना हिंसा को महिमामंडित करने और घृणा को बढ़ावा देने वाला कृत्य है। इसके लिए जिम्मेदार ताकतें कनाडा में एक बार फिर से संगठित हो रही हैं। यह कनाडा में रहने वाले हिंदुओं के लिए चिंता की बात है।
हाल ही में हुई कई घटनाएं हिंदुओं की चिंता का कारण हैं। संसद में आर्य ने कहा, 23 जून को आतंकवाद के शिकार हुए लोगों की याद में राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। 39 वर्ष पूर्व एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 182 में कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी चरमपंथियों ने बम रख दिया था। यह विमान कनाडा के मांट्रियल से उड़ान भरकर लंदन होते हुए नई दिल्ली जाना था।
23 जून, 1985 को हवा में उड़ते हुए विमान में विस्फोट हुआ और उसमें सवार सभी 329 लोग मारे गए। कनाडा के इतिहास में यह सबसे ज्यादा लोगों की सामूहिक हत्या है। लेकिन दुर्भाग्य से बहुत से कनाडावासी आज तक इस विस्फोट के लिए जिम्मेदार विचारधारा की असलियत को नहीं समझे हैं। जिस विचारधारा ने विमान में विस्फोट कराया था, वह विचारधारा आज भी कनाडा के कुछ लोगों में बनी हुई है।