इस साल गंगा दशहरा 20 जून से शुरू हो रहा है। यह आगामी 10 दिनों तक चलने वाला पर्व है। हिंदू समुदाय के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है जो पवित्र मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है। यह त्यौहार निर्जला एकादशी से एक दिन पहले शुरू होता है और 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त देवी की पूजा करते हैं। इसे गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ के पूर्वजों की आत्माओं को श्राप से मुक्त करने के लिए देवी गंगा ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि को पृथ्वी पर अवतरित हुईं। इस प्रकार, गंगा दशहरा ज्येष्ठ के महीने में शुक्ल पक्ष या पूर्णिमा पखवाड़े के दौरान पड़ता है।
गंगा दशहरा की पूजा विधि
इस दिन भक्त गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं और प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पवित्र नदी में डुबकी लगाने से अतीत और वर्तमान के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष से मुक्ति मिल जाती है। लोग यह भी मानते हैं कि गंगा जल के औषधीय लाभ हैं और यह विभिन्न बीमारियों को ठीक करता है।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा पृथ्वी पर मां गंगा या देवी गंगा के अवतरण को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन भक्त कष्टों और परेशानियों से राहत पाने के लिए देवी गंगा की पूजा करते हैं। गृह प्रवेश और वाहन जैसी महंगी चीजें खरीदने या नए व्यवसाय शुरू करने के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है। हर साल, सैकड़ों भक्त गंगा स्नान में भाग लेते हैं और गंगा आरती में भाग लेते हैं।