November 17, 2024

जानिए, फरीदाबाद का एक थाना ऐसा भी जहां शराब माफियाओं को पुलिस दे रही है सिक्योरिटी

पुलिस कमिश्नर साहेब,  ‘तुम डाल-डाल, मैं पात-पात’

Faridabad/Alive News : पुलिस कमिश्नर साहेब ‘तुम डाल-डाल, मैं पात-पात’। यह कहावत थाना एनआईटी प्रभारी मित्रपाल पर सटीक बैठती है। यह अधिकारी पुलिस कमिश्नर के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए अपने क्षेत्र से अवैध शराब की बिक्री को नही रोक पाया है। आखिरकार, थाना प्रभारी अवैध शराब बेचने वालों को अपने थाना क्षेत्र से रोके भी क्यों। क्योंकि जनाब की इन शराब माफियाओं से मोटी मंथली जो आती है। अगर बात शराब बेचने या मंथली तक होती तो फिर भी छोड़ दी जाती। बात इससे बढक़र हो रही है, उक्त आलाधिकारी ने जनता की सुरक्षा की प्रवाह किए बगैर शराब माफियाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस की गाड़ी छोड़ रखी हंै।

पुलिस की सुरक्षा शराब माफियाओं के लिए उस समय तक चलती है जब तक शराब बिकती है। पाठकों को बता दें कि यहां पुलिस सुरक्षा देने की वजह बनती है। क्योंकि यहां पर आमने-सामने दो शराब माफियाओं का शराब बेचने का कम्पटीशन चलता रहता है, कहीं इनका फिर से झगड़ा ना हो जाए। हमें पुलिस द्वारा शराब माफियाओं की सुरक्षा का खेल भगत सिंह कालोनी में पहली बार देखने को मिला है। प्रत्यक्षदृश्यिों की माने तो शाम को उक्त अधिकारी ही नही, बल्कि पुलिस के कई बड़े आला अधिकारी भी इस रोड़ से गुजरते है। उनको भी शायद यहां शराब की बिक्री होती दिखाई नही देती।

कमिश्नर साहेब, इन शराब माफियाओं से भगत सिंह कालोनी के लोग परेशान हो चुके है। कालोनी के लोगों ने नाम न छापने की एवज में ‘अलाईव न्यूज’ को बताया कि यहां पूरे दिन शराब बिकती है और पुलिस इन्हें सुरक्षा देती है। जब ‘अलाईव न्यूज’ की टीम ने जांच की तो कालोनी ही नही एनआईटी पांच के लोगों ने भी बताया कि यहां अवैध शराब की बिक्री की बात सच्च है। पुलिस कमिश्नर को शिकायत के सवाल पर लोगों ने कहा कि हमें यहां रहना है और पुलिस भी उन्ही का साथ देती है, क्योंकि शराब माफिया थाना एसएचओ को पैसा देते है। जब पूछा गया कि आपने शराब माफियाओं से पैसे लेते किसी पुलिस कर्मी को देखा है?

उनमें से एक व्यक्ति ने तपाक से कहा कि हां देखा है, लेकिन वह व्यक्ति थोड़ी देर के लिए चुप हो गया परन्तु फिर से बोला, सर छोडि़ए ना इन बातों को यहां तो खुद एसएचओ का ड्राईवर प्रताप एसएचओ की पीसीआर लेकर पैसे लेने आता है। घण्टों शराब माफियाओं के घर में घुसा रहता है और बाद में निकलकर चला जाता है। ड्राईवर प्रताप क्या यहां सत्यनारायण की कथा करने आता है। क्या गाड़ी में एसएचओ भी होते है? नही अभी तक एसएचओ को नही देखा। इस जांच से ‘अलाईव न्यूज’ की टीम को पता चला कि एनआईटी थाना क्षेत्र में कितने अवैध कार्य पुलिस आयुक्त के आदेशों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे है। हम, अगली खबर में एक और अवैध मामले का खुलासा करेंगे, पढ़ते रहिए ‘अलाईव न्यूज’।