November 18, 2024

चीजें रखकर भूलने लगे हैं, तो हो जाइये सावधान

Faridabad/Alive News : आप अगर अपनी चीजें रखकर भूलने लगे हैं और अपने परिजनों, रिश्तेदारों  या पडोसियों को पहचानने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं तो आप सर्तक हो जाइए और तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं कि कहीं आप या आपके परिवार का कोई सदस्य अल्जाइमर से पीडि़त तो नहीं।

क्या है अल्जाइमर 
अल्जाइमर एक भूलने का रोग है। ज्यादातर यह समस्या उम्रदराज लोगों में होती है, जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढऩे लगती है, वैसे-वैसे उसकी याद करने की शक्ति कम होती चली जाती है, लेकिन अब हर उम्र के लोगों को भूलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ अस्पताल के न्यूरोफिजिशियन डॉ. गौरव कासुंद्रा ने बताया कि  हमारे पास आने वाले मरीजों में 10 में से 3 मरीज भूलने की समस्या लेकर आते हैं। भूलने का मुख्य कारण अल्जाइमर नहीं है। थायराइड, तनाव और विटामिन बी-12 की कमी के कारण भी भूलने की समस्या हो सकती है। समय पर जांच कराकर भूलने की समस्या के सही कारणों को जाना जा सकता है और इनका समय रहते इलाज भी संभव है।

उन्होंने बताया कि हमारे दिमाग के काम करने की क्षमता में गंभीर बदलाव जैसे चीजें रखकर भूल जाना, किसी भी व्यक्ति पर शक करना, जरूरी निर्णय न ले पाना, व्यक्तित्व में बदलाव आना, बोलने में मुश्किल होना और लोगों से दूरी बनाना उम्र बढऩे के सामान्य लक्षण नहीं हैं। ये लक्षण इस बात की ओर संकेत करते हैं कि हमारे मस्तिष्क की कोशिकाएं मर रही हैं। इन कोशिकाओं में से कुछ हमें सोचने, सीखने और याद करने में तो कुछ सूंघन और सुनने में व अन्य कुछ कोशिकाएं चलने में सहायता करती हैं।

अल्जाइमर के लक्षण
व्यक्ति समाज और रिश्तेदारों से दूरी बनाने लगता है। चीजें रखकर भूल जाना, किसी भी व्यक्ति पर शक करना, जरूरी निर्णय न ले पाना, व्यक्तित्व में बदलाव आना, बोलने में मुश्किल होना, नया कुछ जानने और सीखने में कठिनाई होना, समय और स्थान के बारे में भ्रम होना, भीड़ में घबराहट होना और लोगों से दूरी बनाना अल्माइजर के लक्षण हैं। लेकिन अल्माइजर के सभी रोगियों में लक्षण एक जैसे नहीं होते। डॉ. गौरव का कहना है कि अल्जाइमर के कुछ मरीजों की याददाश्त ठीक होती है, पर दिमाग के बाकी काम जैसे: रास्ता ढूंढऩा, व्यवहार में बदलाव, जटिल काम करना, शक करना ,अपनी देखभाल करना नहाना, खाना आदि में दिक्कत आती है पर उनकी याददाश्त ठीक होती है।

ऐसे में परिजनों को क्या करना चाहिए
अगर परिवार के किसी सदस्य में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि डॉक्टर से यह जाना जा सके कि कहीं वह व्यक्ति अल्माइजर के शिकार तो नहीं और किस प्रकार उनकी देखभाल करनी चाहिए। उनसे इस प्रकार की बातें करनी चाहिए कि उन्हें पुरानी बातें याद हैं या नहीं इस बात की पुष्टि हो सके।

विशेषज्ञ मरीज की सीटी स्कैन और एमआरआई के माध्यम से जांच कर यह निश्चत करते हैं कि मरीज की कोशिकाओं को किस प्रकार क्षति पहुंच रही है। किसी बीमारी से संबंधित दवाओं के बारे में विवरण लेकर नई दवाएं शुरू करते हैं दवाओं के माध्यम से नींद अवसाद और घबराहट जैसी समस्याओं को कम किया जा सकता है। व्यायाम, संतुलित खानपान और घरेलू व सामाजिक काय्रकमों में भागीदारी के माध्यम से परिजन अल्जाइमर रोगी को सामान्य जीवन प्रदान कर सकते हैं। हालांकि बीमारी के शुरुआती दौर में नियमित जांच और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है।