तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक लॉ स्टूडेंट को महज इस बात के लिए कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया, क्योंकि छात्रा ने ग्रुप डिस्कशन के दौरान कठुआ गैंगरेप एवं हत्या केस पर चर्चा की. वहीं कॉलेज का कहना है कि छात्रा को इसलिए सस्पेंड किया गया है, क्योंकि वह सांप्रदायिक मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही थी.
कोयंबटूर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट का कहना है कि क्लास में ग्रुप डिस्कशन के दौरान कठुआ केस पर बोलने के चलते उसे सस्पेंड किया गया. कॉलेज का कहना है कि छात्रा को इसलिए सस्पेंड किया गया है, क्योंकि वह सांप्रदायिक मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही थी.
कॉलेज के प्रिंसिपल गोपालकृष्णन का कहना है कि उन्हें आरोपी छात्रा की सहेलियों से शिकायत मिली कि आरोपी छात्रा उन्हें सरकार के खिलाफ बोलने के लिए उकसा रही थी और रेप की घटनाओं के खिलाफ उन्हें क्लास का बहिष्कार करने के लिए कह रही थी.
प्रिंसिपल की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आरोपी छात्रा सांप्रदायिक मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही थी. कॉलेज का कहना है कि अन्य छात्राओं से मिली शिकायत की जांच के लिए नियुक्त किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर आर अम्मू को भी उनका कार्य करने में आरोपी छात्रा ने बाधा पहुंचाने की कोशिश की. आरोपी छात्रा को प्रिंसिपल की अनुमति के बगैर कॉलेज में प्रवेश तक की इजाजत नहीं है.