April 27, 2025

नवरात्रि की नवमी तिथि को कन्या पूजन का विधान, पढ़िए खबर

Religion/Alive News: नवरात्रि के अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन का विधान है। कुछ लोग अष्टमी तो कुछ नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं। कन्या पूजन को लेकर शास्त्रों में कुछ बातें बताई गई हैं। इन बातों का ख्याल रखना पूजन के समय बेहद जरूरी है। काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय बताते हैं कि नवरात्र की पूजा कन्या पूजन के बिना अधूरी है। इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन जरूरी है। इससे मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कन्याओं का चुनाव ध्यान से करें-

नवमी के दिन कन्या पूजन के लिए किसी भी उम्र की कन्या को शामिल नहीं कर लेना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष की उम्र तक की कन्याओं को ही पूजा योग्य माना गया है। इन्हें नवदुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है।

शुद्धता और स्वच्छता का ध्यान न रखना-

नवमी के दिन कन्या पूजन के दौरान गंदे बर्तन या बिना स्नान किए कन्याओं के लिए भोजन नहीं परोसना चाहिए। कन्या पूजन से पहले घर की अच्छी तरह सफाई करें, स्वयं स्नान करें और पूरी पवित्रता से कन्याओं को भोजन कराएं।

कन्याओं से अशिष्ट व्यवहार या जल्दबाजी करना-

कन्या पूजन के दिन कन्याओं के भोजन के दौरान जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कन्याओं के साथ रूखा व्यवहार भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ होता है। कन्याओं को आदरपूर्वक बैठाएं, प्रेमपूर्वक बात करें और उनकी हर जरूरत का ध्यान रखें. देवी का रूप मानकर सेवा करें।

पूजन सामग्री की कमी या लापरवाही-

कन्या पूजन के लिए आवश्यक वस्तुओं (जैसे चंदन, अक्षत, पुष्प, भोजन आदि) की अनदेखी ना करें। सभी पूजन सामग्री समय से तैयार रखें और विधिवत कन्या पूजन करें।

कन्याओं को खाली हाथ ना भेजें-

कन्या पूजन के दिन कन्याओं को भोजन कराकर बिना किसी भेंट या दक्षिणा के उन्हें नहीं भेजना चाहिए। बल्कि, भोजन के बाद कन्याओं को यथासंभव दक्षिणा, फल, वस्त्र, या उपहार देकर आदरपूर्वक विदा करें।

नवमी पर कन्या पूजन मुहूर्त-

हिंदू पंचांग के अनुसार, 06 अप्रैल 2025 को चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि है। साथ ही इस दिन पर रामनवमी का पर्व भी मनाया जाएगा। ऐसे में इस दिन पर कन्या पूजन का मुहूर्त ये रहेगा। कन्या पूजन मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक।


नोट- अलाइव न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता।