November 24, 2024

कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा: तय स्पीड लिमिट और लिखित मंजूरी की जांच शुरू

West Bengal/Alive News: रेल हादसे में घायल हुए बीएसएफ के इंस्पेक्टर राजकुमार ने कहा कि ‘मेरी मां कोमा में हैं, इसलिए मैं उनसे मिलने छुट्टियों पर घर जा रहा था। सुबह करीब 8.30-8.40 बजे हादसा हुआ। लोगों को बचाते वक्त मेरे पैर में चोट लग गई। फिलहाल हालत बेहतर है। मुझे मुआवजे की रकम मिल गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बारिश के चलते बंगाल के रानीपात्रा स्टेशन और छत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम सुबह 5.50 बजे खराब हो गया था। नियमों के अनुसार, जब सिग्नल खराब हो जाते हैं तो स्टेशन मास्टर द्वारा ड्राइवर को टीए-912 नामक लिखित मंजूरी देता है, जिससे ड्राइवर सभी रेड सिग्नल पार कर सकता है। आरोप है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस के साथ ही मालगाड़ी के ड्राइवर को भी टीए-912 फॉर्म दिया गया और दोनों को महज 15 मिनट के अंतराल पर ये लिखित मंजूरी दी गई। ऐसे में इसकी जांच की जा रही है कि क्या हादसे के समय ड्राइवरों ने तय स्पीड लिमिट से ज्यादा तेज गति से ट्रेन दौड़ाई और लिखित मंजूरी देते समय अंतराल मेंटेन क्यों नहीं किया गया।