New Delhi/Alive News : चारा घोटाले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले सीबीआई के विशेष जज को खुद न्याय का इंतजार है. वे अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. रांची सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह चारा घोटाले की सुनवाई के दौरान सुर्खियों में आए थे. उन्होंने देवघर कोषागार से चारे के नाम पर अवैध रूप से 89 लाख रुपये निकालने के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को साढ़े तीन साल कारावास और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.
एक चैनल के मुताबिक, जज शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश के जालौन के निवासी हैं. उनकी पैतृक जमीन के बीच से एक चकरोड़ निकाल दी गई. जज महोदय नहीं चाहते कि उनकी पैतृक जमीन से कोई छेड़छाड़ की जाए. इसके लिए वे कई अधिकारियों के चक्कर काट कर गुहार लगा चुके हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई है. जज शिवपाल सिंह के भाई सुरेंद्र पाल ने बताया कि 2006 में प्रधान ने बिना किसी योजना और प्रशासन की अनुमति के उनकी जमीन पर चकरोड निकाल दी थी. तभी से वे अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.
लालू को सुनाई सजा
चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना लगाया गया. अब लालू यादव को जमानत के लिए अब हाईकोर्ट में अपील करनी होगी. इस फैसले के बाद लालू यादव के वकील ने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे. उनके अलावा अन्य दोषी फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, सुनील कुमार, सुशील कुमार, सुधीर कुमार और राजाराम को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई, जबकि उन पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी
फैसले से पहले सभी दोषी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालती कार्रवाई में शामिल हुए. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपना फैसला सुनाएंगे. सजा सुनाए जाने से पहले जज शिवपाल सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘इन दोषियों के लिए एक खुली जेल बेहतर होगी, क्योंकि उन्हें गाय पालन का अनुभव भी है’.
950 करोड़ रुपए का है चारा घोटाला
नब्बे के दशक में बिहार में लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री काल में हुए लगभग साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाले हुआ. घोटाले से 64 मामलों जुड़े हैं जिसमें लालू यादव पर छह मामलों में आरोपी हैं. लालू यादव को पहले ही चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराया जा चुका है. उन्हें अक्टूबर 2013 में पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी. सीबीआइ का दावा है कि ये मामले रांची के चाईबासा, दुमका और पटना के कोषागार से जुड़े चारा घोटाले से ही निकले हैं लेकिन इनकी प्रकृति भिन्न-भिन्न है क्योंकि इसमें अलग-अलग कोषों की अलग-अलग राशियां शामिल थीं.