November 15, 2024

जज रिश्वतकांड मामला: कोर्ट ने कार्यवाही और गवाहियों में हो रही देरी पर की टिप्पणी

Chandigarh/Alive News: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जज, जस्टिस निर्मल यादव से जुड़े ‘कैश एट डोर’ रिश्वतकांड में चंडीगढ़ जिला अदालत की CBI कोर्ट के स्पेशल जज जगजीत सिंह ने आरोपियों के वकीलों को जल्द अपनी बचाव पक्ष की गवाहिंयों और प्रोसिडिंग पूरी करने को कहा है। वहीं कोर्ट ने एक आरोपी निर्मल सिंह और उसकी गवाह पत्नी पर कहा कि वह अलग दिशा में जाते नजर आ रहे हैं। कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपियों की तरफ से बचाव में गवाहियां दर्ज करवाने की अर्जियां दायर की गई थी। हालांकि, गवाहियां करवाने के लिए प्रयास नहीं दिखाए गए।

केस में पहले आरोपियों ने बचाव पक्ष में कोई गवाह पेश न करने की बात कही थी। वहीं सीबीआई केस को लेकर आरोपी के रूप में CrPC 313 के तहत जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। अपना जवाब पेश करने के बाद आरोपी जज निर्मल यादव और निर्मल सिंह के वकील ने अर्जी दायर कर गवाह पेश करने की मांग की। इसके बाद गवाहों को कोर्ट तक लाने और उनकी गवाहियां दर्ज करवाने के प्रयास नहीं किए गए।

कोर्ट ने यह भी कहा था कि केस 10 साल से पुराने केसों की श्रेणी में आता है और तय समय में इसके निपटारे की जरूरत है। सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज करवाने के दौरान बचाव पक्ष ने कहा था कि फाइल पर जो सबूत है उसे देखते हुए बचाव के लिए किसी गवाह को पेश करने की जरूरत नहीं है। वहीं कहा था कि उन्हें कुछ समय दिया जाए, ताकि वह पेश सबूतों(CBI केस) को लेकर अपना जवाब तैयार कर सकें। केस में कई गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं और उन्हें अपना जवाब तैयार करने में कुछ वक्त चाहिए। हालांकि इसके बाद गवाहियां दर्ज करवाए जाने की मांग की गई।

कोर्ट ने कहा कि निर्मल सिंह ने बचाव पक्ष में गवाहियां दर्ज करवाई मगर उनमें से एक उसकी पत्नी थी। उसे आरोपी ने डिफेंस विटनेस बताया। खुद को बीमार बता निर्मल सिंह की पत्नी बयान दर्ज करवाने नहीं आई। ऐसे में कोर्ट को निर्मल सिंह को कहना पड़ा कि पत्नी को पेश करवाएं। जिसके बाद वह आई। बीते 2 दिसंबर को उसके आधे बयान दर्ज हुए थे और उसने कहा था कि उसकी 3 दिसंबर को पीजीआई में अप्वॉइंटमेंट है। ऐसे में वह बाकी बयान दर्ज करवाने के लिए पेश नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि आरोपी निर्मल सिंह ने पत्नी को गवाह बताया था मगर एक एक या अन्य कारण बता कोर्ट में पेशी से बच रही है। आरोपी निर्मल सिंह और उसकी गवाह पत्नी अलग दिशा में जाते नजर आ रहे हैं।

काफी प्रयासों के बाद प्रोसिक्यूशन की गवाहियां हुई
कोर्ट ने कहा कि केस में कई प्रयासों के बाद प्रोसिक्यूशन के गवाहों के बयान दर्ज हो सके थे। जिसके बाद आरोपियों के CrPC 313 के तहत बयानों के लिए सुनवाई तय हुई थी। आरोपियों से उस दौरान(बीते अक्तूबर में) पूछा गया था कि क्या वह बचाव में सबूत पेश करना चाहते हैं। यदि वह चाहते हैं तो केस की सुनवाई उन गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए आगे टाली जा सकती है।

बता दें, कि 13 अगस्त, 2008 को यह 15 लाख रुपए का रिश्वतकांड सामने आया था। एक आरोपी पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल (हरियाणा)संजीव बंसल की मौत हो चुकी है। वहीं अन्य आरोपियों में पूर्व जज निर्मल यादव, बिजनेसमेन राजीव गुप्ता, रविंदर सिंह भसीन और एक निर्मल सिंह हैं। CBI ने वर्ष 2011 में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। जिसके बाद वर्ष 2014 में आरोप तय हुए थे।