Faridabad/Alive News: उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के अंतर्गत आईपीआर, इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन डिवीजन द्वारा इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के सहयोग विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के स्टार्ट-अप आइडिया को सहयोग एवं वित्तपोषण देने के लिए अंतर-विश्वविद्यालय आइडियाथॉन-2023 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में हारट्रॉन इनोवेशन एंड स्टार्ट-अप हब के पूर्व प्रमुख राजीव गुलाटी, क्षेत्रीय बायोटेक्नोलॉजी केन्द्र की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमन गुप्ता और एलिवेशन प्लेटफॉर्म डब्ल्यूईएलईवी8 के सीईओ ऋषभ इलवाड़ी सहित कई विशेषज्ञ उपस्थित थे। प्रतियोगिता में प्रस्तुत स्टार्ट-अप प्रस्तावों का मूल्यांकन किया तथा निर्णयक भूमिका निभाई। अपने संबोधन में कुलपति प्रो. तोमर ने प्रतिभागियों को अपने इनोवेटिव विचारों के साथ आगे आने और इन्क्यूबेटरों की सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अनुसंधान के महत्व और सामाजिक समस्याओं के प्रति सतर्क रहते हुए अभिनव विचार की पहचान करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी समस्याएं सफल उद्यम की प्रबल संभावनाएं होती है।
इससे पहले आईआईसी के अध्यक्ष डॉ. संजीव गोयल ने अतिथियों, डीन, विभिन्न विभागों के अध्यक्षों, संकाय सदस्यों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम के परिचय की जानकारी भी दी और बताया कि प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के 32 छात्रों की 15 टीमें भाग ले रही है। सर्वश्रेष्ठ तीन टीमों को प्रमाण पत्र तथा नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा, जिसमें 10,000 रुपये, 5,000 रुपये और 3,000 रुपये पुरस्कार शामिल हैं। इसके अलावा, सर्वश्रेष्ठ लड़कियों की टीम के लिए 3000 रुपये का विशेष पुरस्कार भी दिया जा रहा है। प्रतियोगिता के पुरस्कार विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र श्री मोहित वोहरा की कंपनी एमवी मोबिलिटी द्वारा प्रायोजित है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री राजीव गुलाटी ने अकादमिक-उद्योग लिंकेज के महत्व पर प्रकाश डाला। उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने छात्रों को नए विचारों को उत्पन्न करने और उनका पोषण करने के लिए उत्साहित किया। सुमन गुप्ता ने अपने संबोधन में स्टार्ट अप में सही समस्या की पहचान करने के महत्व के बारे में विस्तार से बताया और ऋषभ इलवाड़ी ने अपने स्टार्टअप अनुभव साझा किये तथा छात्रों को प्रोत्साहित किया। ऋषभ इलवाड़ी ने कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम के संचालन के लिए अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म की सेवाएं भी प्रदान कीं।
सत्र का संचालन डॉ. सपना तनेजा, संयोजक आईआईसी द्वारा किया गया। सत्र का समन्वयन डॉ. अश्लेषा गुप्ता और डॉ. अनुभा गौतम द्वारा किया गया था। इस अवसर पर निदेशक (अनुसंधान एवं विकास) प्रो. नरेश चौहान, कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग, अन्य शिक्षण विभागों के डीन और अध्यक्ष भी उपस्थित थे।