Faridabad/Alive News : जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा के सरकारी विश्वविद्यालयों में अपने श्रेष्ठता बरकरार रखी है। नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2021 द्वारा जारी नवीनतम रैंकिंग में विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग और प्रबंधन श्रेणी में हरियाणा के राजकीय विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क रैंकिंग सूची में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग श्रेणी में 127वां स्थान प्राप्त किया है। जे.सी. बोस विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र सरकारी तकनीकी विश्वविद्यालय है, जिसने एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के शीर्ष 127 इंजीनियरिंग संस्थानों में अपना स्थान बनाया है। इस वर्ष एनआईआरएफ 2021 रैंकिंग के छठे संस्करण में 6,000 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने भाग लिया। केवल इंजीनियरिंग श्रेणी में 1143 संस्थानों ने रैंकिंग में हिस्सा लिया था, जिसमें विश्वविद्यालय 127वां स्थान पर आया है।
मैनेजमेंट श्रेणी में विश्वविद्यालय ने 76-100 रैंक बैंड में स्थान बनाया है। इस वर्ष पहली बार विश्वविद्यालय ने युनिवर्सिटी श्रेणी में भी हिस्सा लिया और अपनी उपस्थिति देश के शीर्ष 200 विश्वविद्यालय में दर्ज करवाई है। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने एनआईआरएफ रैंकिंग में विश्वविद्यालय के प्रदर्शन पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि इस बार हम इंजीनियरिंग श्रेणी में बेहतर रैंक की उम्मीद कर रहे थे। इसके बावजूद हरियाणा के सरकारी विश्वविद्यालयों में हम इंजीनियरिंग श्रेणी में एनआईटी कुरुक्षेत्र जोकि केंद्र सरकार का संस्थान है, को छोड़कर राज्य में शीर्ष पर है। हमने मैनेजमेंट श्रेणी में 76 – 100 रैंक बैंड में स्थान बनाया है, जोकि राज्य सरकार का एकमात्र सरकारी संस्थान है।
विश्वविद्यालय पहली बार युनिवर्सिटी श्रेणी में अपनी दर्ज करवाने में सफल रहा है। हालांकि रैंकिंग परिणामों एवं मानदंडों को लेकर गंभीरतापूर्वक विचार किया जायेगा और अगले वर्ष रैंकिंग परिणामों में सुधार को लेकर प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा व अनुसंधान में गुणवत्ता को लेकर निरंतर प्रयास कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आगामी वर्षों में विश्वविद्यालय बेहतर परिणाम लाने में सफल होगा। उल्लेखनीय है कि देश में विभिन्न विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षा के संस्थानों को रैकिंग देने के लिए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क की शुरूआत की गई है, जिसमें अकादमिक, तकनीकी व अनुसंधान संस्थानों को विभिन्न मानदंडों के आधार पर परखा जाता है।