Faridabad : 10 अप्रैल को जनरल और ओबीसी वर्ग और देश के विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भारत बंद की घोषणा की गई है। जिसका आरक्षण विरोधी पार्टी ने सर्मथन किया है, इस मौके पर आरक्षण विरोधी पार्टी द्वारा देशभर में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रर्दशन किया जाएगा और जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इस बात का निर्णय आज तिरखा कॉलोनी में आयोजित की गई मीटिंग में लिया गया। इस बंद के माध्यम से आरक्षण और एससी एसटी एक्ट जैसे दोहरे कानूनों को बिलकुल खत्म करके एक नागरिक एक कानून बनाए जाने की मांग की जा रहीं है।
प्रैस को जारी एक ब्यान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि इस मौके पर एवीपी के राष्ट्रीय महासचिव दीपक गौड़, सर्वण भारत परिवार के राष्ट्रीय संयोजक पीयूष पंडित, समानता अधिकार देशभक्ती मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक विनायक पांडेय व आजाद सेना के राष्ट्रीय संयोजक अभिषेक शुक्ला राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की कमान संभाल रहे हैं।
शर्मा ने कहा कि इस आंदोलन को शांतिपूर्वक तरीके से चलाया जाएगा सभी जनरल और ओबीसी वर्ग के दुकानदारों से अपनी मर्जी से दुकाने बंद करने की अपील की जा रही है। जबकि सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारी व अधिकारी अपनी मर्जी से छुटटी पर रहेंगे। शांतिपूर्ण बंद में किसी तरह की हिंसा न किए जाने की अपील की गई है।
अगर को आसामाजिक तत्व कोई आपत्तिजनक कार्य करेगा तो वह स्वंय जिम्मदार होगा। जबकि आरक्षण विरोधी पार्टी शांतिपूर्ण तरीके से सरकार और सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि एसीसी एक्ट में र्निर्दोश लोगों को फसाया जा रहा है और आरक्षण के कारण योग्य प्रतिभाओं का गला घोटकर अयोग्य व नाकारा लोगों को इंजीनियर व वैज्ञानिक बनाया जा रहा है।
जिससे हमारा देश न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से बल्कि तकनीकि में भी पिछड रहा है। आज इजराइल और गाजा पटटी जैसे छोटे देशों से हमें हथियार और लडाकू बिमान खरीदने पड़ रहे इससे ज्यादा शर्म की बात कोई नहीं। इस बंद के माध्यम से आरक्षण और एससी एक्ट जैसे दोहरे कानूनों को बिलकुल खत्म करके एक नागरिक एक कानून बनाए जाने की मांग की जा रहीं है।
मीटिंग मे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपक गौड़, प्रताप शर्मा, राष्ट्रीय सचिव संजय सहाय कुलश्रेष्ठ, रजनी शर्मा, दिल्ली से अभिषेक शुक्ला, महेंद्रपाल बंसल, विवेकानंद सिंह, गौतम पालीवाल, रतनेश, राघवेंद्र शुक्ला, पंकज त्रेहान रामवकील शर्मा, प्रदेष सचिव राजेंद्रशर्मा, धर्मवीर शर्मा, हरीष त्रेहान व रामहरि सहित सैकडों गणमान्य लोग व हजारों कार्यकर्ता मौजूद थे।