New Delhi/Alive News : भारतीय पिस्टल शूटर हिना सिद्धू ने मूवी से पहले सिनेमा हॉलों में राष्ट्रगान के अपमान पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले थियेटर्स में राष्ट्रगान कराने का ऑर्डर दिया। बाद में इसके सम्मान में खड़ा होना ऑप्शनल कर दिया। इससे कुछ धूर्त लोगों को राष्ट्रगान के अपमान का खुला मौका मिल रहा है। मूवी से पहले इसे नहीं कराना चाहिए, क्योंकि लोग थियेटर्स में मनोरंजन के लिए आते हैं। बता दें कि SC ने नवंबर, 2016 में सिनेमा हॉलों में राष्ट्रगान कराने के लिए ऑर्डर जारी किया था। कोर्ट को ऑर्डर वापस लेना चाहिए…
– इसके पहले हिना ने ट्वीट कर कहा, ”पहले सुप्रीम कोर्ट ने देशभक्ति को मनोरंजन से जोड़ा। अब कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रगान के प्रति सम्मान ऑप्शनल है। थियेटर्स में इसे कराने का ऑर्डर जारी क्यों किया गया? अगर जन-गण-मन बजाता है तो लोगों को खड़ा होना चाहिए। नहीं तो कोर्ट अपने पहले ऑर्डर को वापस ले।”
– ”राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े होने की जरूरत नहीं है, मतलब कि इस दौरान आप आराम से पॉप कॉर्न खाओ, बातें करो, फोन चलाओ। कभी-कभी मैं स्पोर्ट्सपर्सन होने पर फख्र महसूस करती हूं। कभी नहीं सोच सकती हूं कि राष्ट्रगान के बिना मुझे मेडल मिले।”
भोपाल के शख्स की पिटीशन पर जारी हुआ था ऑर्डर
– सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान को सम्मान दिलाने के लिए भोपाल के श्याम नारायण चौकसे ने 14 साल की लड़ाई लड़ी। उन्हीं की पीआईएल पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मूवी से पहले जन गण मन बजाए जाने का ऑर्डर दिया था।
– 30 नवंबर, 2016 को कोर्ट ने ऑर्डर जारी करते हुए कहा, ”देशभर के सभी सिनेमा हॉलों में मूवी शुरू होने से पहले राष्ट्रगान जरूर बजेगा। इस दौरान स्क्रीन पर तिरंगा नजर आना चाहिए। साथ ही राष्ट्रगान के सम्मान में वहां मौजूद सभी लोगों को खड़ा होना होगा।”
– जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने कहा था कि राष्ट्रगान के दौरान सिनेमा हॉल के गेट बंद कर दिए जाएं, ताकि कोई इसमें खलल न डाल पाए। राष्ट्रगान पूरा होने पर सिनेमा हॉल के गेट खोल दिए जाएं।
– राष्ट्रगान को ऐसी जगह छापा या लगाया नहीं जाना चाहिए, जिससे इसका अपमान हो। राष्ट्रगान से कमर्शियल बेनिफिट नहीं लेना चाहिए। राष्ट्रगान को आधा-अधूरा नहीं सुनाया या बजाया जाना चाहिए। इसे पूरा करना चाहिए।
कोर्ट ने ऑर्डर में बदलाव भी किया?
– 14 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऑर्डर में साफ किया कि अगर किसी फिल्म या डॉक्युमेंट्री में राष्ट्रगान बजता है तो उस दौरान ऑडियंस को खड़े होने की जरूरत नहीं है। किसी को खड़े होने के लिए मजबूर भी नहीं किया जा सकता।
– इसके बाद अगस्त, 2017 में सिनेमा हॉल में मूवी से पहले राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने मामले में दिव्यांगों को राहत दी गई। कोर्ट ने कहा था कि शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को सिनेमा हॉल के अंदर खड़ा होना जरूरी नहीं है।
कई पिटीशंस में ऑर्डर वापस लेने की मांग
– मूवी से पहले राष्ट्रगान कराने के ऑर्डर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई पिटीशन लगाई जा चुकी हैं। इनमें ऑर्डर को वापस लेने की मांग की गई है।
– पिटीशनर्स का कहना है कि ये ऑर्डर अधिकारों का हनन करते हैं, कोर्ट को सिनेमा जैसे एंटरटेनमेंट जगहों पर ये लागू नहीं करना चाहिए।