November 24, 2024

आधुनिकता की दौड़ में मानवीय दिखावा बढ़ा लेकिन समझ घटी है : जगदीश चौधरी

Faridabad/Alive News : मलरेना रोड बल्लभगढ़ स्थित बालाजी कॉलेज में भारतीय नववर्ष विक्रमी संवत 2075 के उपलक्ष में छठी अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता संपन्न हुई. इस अवसर पर NCC के प्रणेता व चंबल के डाकू का आत्मसमर्पण में आधार की भूमिका निभाने वाले डॉक्टर एस एन सुब्बाराव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए. सर्वप्रथम डॉ एस एन सुब्बाराव शर्मा, कुलसचिव वाईएमसीए विश्वविद्यालय, गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली से रमेश शर्मा, प्रसिद्ध पर्यावरण वैज्ञानिक सुबोध नंदन, साहित्यकार ज्ञानेंद्र रावत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

डॉ एस एन सुब्बाराव ने कहा की विज्ञान ने बाहर की दुनिया में झांकने है तो बड़ी बड़ी दूरबीन बनाई परंतु अंतर्मन में झांकने हेतु स्वयं को जानने में विज्ञान असमर्थ रहा है. मनुष्य जहां एक और प्रकृति का श्रेष्ठतम प्राणी है वहीं दूसरी और उन्होंने अनेक रेखाएं पृथ्वी पर खींची हैं जो हमें बांटते हैं दो देशों के बीच रेखाएं धर्म के बीच रेखाएं आदि ने मानव मात्र को जोड़ने के स्थान पर थोड़ा है और अशांति का कारण बना है. दशहरा में राष्ट्रीय एकता हेतु गीत भी गाया वह ध्यान लगाकर आंतरिक मजबूती हेतु प्रशिक्षण भी दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाईएमसीए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर संजय कुमार शर्मा ने भारतीय संस्कृति व मानव चिंतन को स्पष्ट किया और बताया कि किस प्रकार भारत विश्व गुरु कहलाया। उन्होंने कहा कि दर्शन सत्य के साक्षात्कार विद्या है यह मानवीय चिंतन व व्यवहार का ठीक-ठीक परिवर्तन करता है. शिक्षा का मूल उद्देश्य भारतीय व्यवहार में स्थाई सकारात्मक परिवर्तन ही है.

वही बालाजी कॉलेज के निर्देशक जगदीश चौधरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की विशालता विज्ञान प्रदर्शन की समझ हेतु इस प्रतियोगिता संस्कार 2018 का आयोजन किया गया. प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगिता के द्वारा नई पीढ़ी को सही दिशा देने वह स्वयं बेहतर निर्णय लेने हेतु वातावरण तैयार करना है. मनुष्य का चिंतन उसका उत्थान व पतन निर्धारित करता है उसके कार्य उसका व्यक्तित्व परिभाषित करते हैं और वर्तमान परिदृश्य में आधुनिकता की दौड़ में मानवीय दिखावा आडंबर बढ़ा है और समझ घटी है. इस प्रतियोगिता में फरीदाबाद, पलवल व गुडगांवा के कुल 12 महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया और कुल 8 प्रतियोगिताएं आयोजित की गई.

इस अवसर पर वाईएमसीए विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, प्रदीप एडवांस कॉलेज की प्राचार्य, डॉक्टर लक्ष्मी शर्मा व बालाजी कॉलेज से प्राध्यापक डॉक्टर संगीता सिंह, उषा डागर, दीपक, दिनेश, बबलू, हिमांशु अग्रवाल सहित सैकड़ों विद्यार्थी मौजूद थे, छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, स्वच्छता की ज्योति स्वछता की जोत भारत की बेटी आदि श्रेष्ठ प्रस्तुतियों ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।