Faridabad/Alive News : ग्रीवरेंस कमेटी की बैठक में इस बार डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की बजाय विधायक नरेंद्र गुप्ता और नीगज शर्मा एक्शन मोड़ में नजर आए। विधायक अपने ही सरकार के कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने हर घर जल योजना का दावा किया था लेकिन उनके क्षेत्र के सेक्टर 28 में एक भी सरकारी नल नहीं है। इसके अलावा गुप्ता ने कहा कि फरीदाबाद में ऐसी हजारों समस्याएं हैं। जिस बात का जिक्र कांग्रेसी साथी कर रहे हैं। लेकिन नगर निगम फंड की कमी का रोना रोता है। गुप्ता ने कहा कि जनता को जो मूलभूत सुविधाएं चाहिए उसके लिए भी पैसे नहीं हैं। हालात इतने खराब हैं कि सीवर सफाई के लिए ओएनएम के पैसे नहीं हैं। ट्यूबवेल चलाने और बिजली मेंटिनेंस के लिए भी पैसे नहीं हैं।
उसके बाद एनआईटी से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा द्वारा लगाए गए एक एजेंड काे लेकर उठा। भाजपा विधायक गुप्ता ने नीरज शर्मा के एजेंडे पर ऐतराज जताते हुए कहा कि विधायकों को इस सार्वजनिक मंच पर मुद्दा उठाना उचित नहीं। यदि विधायक ही अपने मुद्दे उठाते रहेंगे तो पब्लिक की सुनवाई कैसे होगी। उसके बाद डिप्टी सीएम ने सभी विधायकों से अपने अपने क्षेत्र की एक एक समस्या को एजेंड में रखने और उनकी सुनवाई कराने का आफर भी दिया।
दरअसल, एनआईटी के कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने ग्रीवांस कमेटी में एक एजेंडा रखा था। जिसमें कहा गया था कि उनके क्षेत्र एनआईटी के वार्ड नंबर पांच की बाल कल्याण स्कूल पॉकेट में सीवर ओवरफ्लो की समस्या वर्षों से चली आ रही है। एक साल पहले यहां की एक बेटी को अपनी बारात लाने के लिए मुख्यमंत्री को ट्वीट कर शादी का निमंत्रण देने के साथ ही समस्या के समाधान की मांग भी की थी। लेकिन फिर भी कोई स्थायी समाधान आज तक नहीं किया गया। ऐसी ही स्थिति वैद्य रोड और जीवन नगर पार्ट दो की है। मेन सड़कों पर पानी भरा रहता है। सड़कें टूटी पड़ी है। अभी तक कॉलोनी में सीवर लाइन डालने का काम तक पूरा नहीं हुआ। जब सरकार के पास पैसे नहीं है तो विभाग एस्टीमेट क्यों बनाते हैं। निगम डेवलपमेंट चार्ज वसूल करता है लेकिन सड़क व सीवर जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दे पा रहा है। फिर डेवलपमेंट चार्ज किस बात का वूसला जाता है।
विधाययकों की शिकायत सुनने के बाद डिप्टी सीएम ने एनआईटी में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन डलवाकर अधूरा छोड़ने वाले एक्सईएन के खिलाफ निगम कमिश्नर जितेंद्र दहिया से कार्रवाई करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि जब सीवर लाइन डाली तो उसके ऊपर कारपेटिंग क्यों नहीं कराई। उन्होंने कमेटी गठित कर निगम कमिश्नर को मौके का मुआयना कर समस्या का समाधान कराने को कहा। बैठक में कुल 15 शिकायतें रखी गई थी जिनमें से सात का निस्तारण कर दिया गया।