Faridabad/Alive News:विधानसभा सत्र में एनआईटी क्षेत्र से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने अतारांकित प्रश्न संख्या 46 में सरकार से पूछा कि क्या यह तथ्य है कि वर्ष 2018 में आईपीएस अधिकारियों का प्रतिनिधिंमंडल इज़रमइल दौरे पर गया था तथा क्या अधिकारियों के द्धारा उक्त दौरे की कोई रिपोर्ट तैयार की गई हैै यदि हां तो उसका ब्यौरा किया है जिसपर सरकार की तरफ से गृह मंत्री ने सदन में जवाब देते हुए बताया कि हां श्रीमान जी, एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था यह रिपोर्ट हरियाणा पुलिस की कानून व्यवस्था, अपराध, सुरक्षा, और खुफिया कार्यो की प्रभावशीलता में सुधार के लिए सभांवित उपायों से संबधित है और राज्य की सुरक्षा और कानून और व्यवस्था के परिद्धश्य में और सुधार के लिए हरियाणा में पेश की जा सकने वाली नवीनतम तकनीकों की उपलब्धता पर भी विचार करती है।
विधायक नीरज शर्मा का जवाब पर कहना था कि इससे पहले जब मेरे द्वारा दिसम्बर 2022 में अतारांकित प्रश्न 05 में सरकार से पूछा था कि क्या क्या वर्ष 2018 में आईपीएस अधिकारियों के समूह के इजरायल दौरे का क्या उद्देश्य था तथा खुफिया एजेंसी मौसाद से मिला था या नही। जिस पर सदन में कहा गया था कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 13 व्यक्तियों के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा को पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में पेश करने और धन जुटाने के साधनों की खोज के लिए 6 मई 2018 को इजरायल का दौरा किया था।
विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि दोनों प्रश्नों के जवाब से स्पष्ट है कि सदन को गुमराह किया जा रहा है क्योकि पहले प्रश्न में कहा गया कि निवेश के उद्देश्य से गया था और अब कहा जा रहा है कि हरियाणा पुलिस की कानून व्यवस्था, अपराध, सुरक्षा, और खुफिया कार्यो की प्रभावशीलता में सुधार के लिए। दोनो में अंतर स्पष्ट है। इससे पहले जब मेरे द्वारा सरकार से प्रश्न किया गया था तो उसपर सरकार ने मेरे सवाल का जवाब ही नही दिया था कि खुफिया एजेंसी मौसाद से मिला था या नही। लेकिन अब सरकार के जवाब से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार का प्रतिनिधिमंडल खुफिया एजेंसी मौसाद से मिला था लेकिन सरकार इसके बारे हरियाणा के लोगों को बताना नहीं चाह रही है। इसके पीछे सरकार कि क्या मंशा है पता नही।
निजी क्षेत्र में नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण के संबंध वर्ष 2021 के मामले सीडब्ल्यू 26573 के लिए माननीय सुनवाई की संख्या कितनी है और कितनी सुनवाई में उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने सरकार की तरफ से उपस्थित होकर पक्ष रखा। सदन में मुख्यमंत्री जी के तरफ से जवाब दिया गया कि प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देने वाली सिविल रिट याचिका संख्या 26573 ऑफ 2021 और अन्य आठ संबद्ध मामलों के लिए माननीय उच्च न्यायालय में सुनवाई की कुल संख्या 30 है। जिसमें श्री बलदेव राज महाजन, महाधिवक्ता हरियाणा रोक के आदेश के विरुद्ध प्रथम सुनवाई पर मामले में उपस्थित हुए और उसके बाद, तुषार महे ता, सॉलिसिटर-जनरल रोक मामले के विरुद्ध उच्च न्यायालय में एक सुनवाई पर उपस्थित हुए और उसके बाद, श्री जगबीर मलिक, अपर महाधिवक्ता के साथ पुनीत बाली, वरिष्ठ अधिवक्ता, मामले में हरियाणा राज्य के लिए अधिनियम का बचाव करने हेतु 26 सुनवाईयों पर उपस्थित हुए और श्री जगबीर मलिक, अपर महाधिवक्ता दो सुनवाईयों पर उपस्थित हुए थे
विधायक नीरज शर्मा ने सवाल के मामले पर सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार 75 प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण देने की बात करती है और दूसरी तरफ के लोग की इस योजना का विरोध करते है और कितनी गैर जिम्मेदाराना हरकत है कि इतने महत्वपूर्ण मामले में सिर्फ एक बार उपस्थित हुए। सरकार को हर तारीख में महाधिवक्ता को माननीय न्यायालय में उपस्थित होना चाहिए था ताकि मजबूती से सरकार की तरफ से पक्ष रखा जाता और हरियाणा के युवाओं को हक दिलाया जाता।
ध्यानाकर्षण सूचना संख्या-15 राज्य में नवम्बर 2023 में जहरीली नकली शराब के पीने के कारण यमुनानगर तथा अम्बाला जिले में 22 व्यक्तियों की मौत के मामले में बोलते हुए विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि यह मामला वर्ष 2022/2023 में आया। लेकिन सरकार इसपर सदन में बताए कि जहरीली शराब बन कहा से रही है और अपदा को अवसर बना कौन रहा है। सरकार ने जो कमेटी बनाई थी उसने यह सिफारिश की थी कि डिसलेरिज की जांच की जाए अगर की गई तो वो जांच रोकी किसने और जांच क्यो नही की। सरकार में सिर्फ जांच के नाम पर सिर्फ इंक्वायरी/इंक्वायरी करती रहती है। सदन में गृह मंत्री ने विधायक नीरज शर्मा के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।