Chandigarh/Alive News: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र 2022 के दौरान मंंगलवार को गलत जमीन मका मामला उठा। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य में गलत रजिस्ट्रियों के मामले सामने आए। गुरुग्राम में करीब 21 हजार गलत रजिस्ट्र्रयां हुईं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की सदन में घोषणा की कि 7 A का उल्लंघन करने वालों की जांच करेंगे। 2010 से अब तक 140 के करीब सभी तहसीलों में हुई रजिस्ट्रियों की जांच होगी।
विधानसभा में इससे पहले कोरोना संकट के दौरान रजिस्ट्रियों में हुई गड़बड़ियों के बारे में विधायक अभय सिंह चौटाला ने सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा। चौटाला ने कहा कि गुरुग्राम में 21 हजार और सीएम सिटी करनाल में 8182 गलत रजिस्ट्री हुई। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस पर अपना जवाब दिया। दुष्यंत ने कहा कि गुरुग्राम में 21 हजार गलत रजिस्ट्रियां हुई हैं।
गुरुग्राम में 21 हजार, फरीदाबाद में 22 हजार और सीएम सिटी करनाल में 8182 गलत रजिस्ट्री हुई। अभय चौटाला ने कहा कि रजिस्ट्री के लिए 22 के जिलों में तहसीलदार कमीशन लेते हैं। पेहवा-पुंडरी के संजय तहसीलदार भ्रष्ट हैं। गुरुग्राम के तहसीलदार दर्पण सिंह कंबोज को मानेसर, सोहना, पटौदी, फरुखनगर तहसील का काम भी अतिरिक्त दिया हुआ है। ये तहसीलदार पांच से आठ फीसद कमीशन प्रत्येक रजिस्ट्री पर वसूलकर ऊपर तक पहुंचाता है। तहसीलदारों को अतिरिक्त काम दिया हुआ है। यह सब कमीशन वसूलने के लिए दिया हुआ है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एक-एक तहसील का ब्योरा देगी सरकार। सरकार ने बिना सात ए के अनापत्ति प्रमाण पत्र के हुई रजिस्ट्री का विवरण सदन के समक्ष रखा है। 2017 से 2020 के बीच का विवरण रखा है। जिला उपायुक्तों के माध्यम से आरोपित तहसीलदारों से जवाब मांगा जा रहा है। एक सप्ताह के अंदर ये जवाब आने पर कार्रवाई भी होगी। पटवारी भी हड़ताल पर इसलिए गए कि उनको भी सरकार ने कारण बताओ नोटिस दिया गया।
तहसीलदारों को अतिरिक्त पदभार दिए जाने पर आपत्ति पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गुरुग्राम में पांच तहसीलदार निलंबित किए गए। अब वे बहाल हुए तो फाइल पर लिखा है कि इन्हें कभी एनसीआर में नहीं लगाया जा सकता। इसलिए सरकार अब नए नियुक्त तहसीलदारों को गुरुग्राम में शीघ्र लगाया जाएगा। रजिस्ट्री में गड़बड़ी करने पर 300 नायब व तहसीलदारों के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट में कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। इस पर अभय चौटाला ने कहा कि उनको निलंबन के बाद छह माह में बहाल कर दिया गया। क्या यही सजा भ्रष्टाचार की है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि नायब तहसीलदार 133,तहसीलदार 93,156 रजिस्ट्री क्लर्क,500 पटवारी को नोटिस दिया गया है। 15 दिन में इनका जवाब आने के बाद कार्रवाई होगी। अभय चौटाला ने कहा कि गड़बड़ी करने वाले बहाल कैसे हो गए? पांच व आठ फीसद रजिस्ट्री पर कमीशन की बात सही लग रही है। इसके बाद बलराज कुंडू ले ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना सवाल किया। निर्दलीय बलराज कुंडू ने कहा कि मंत्री के पास जून 2020 को ही उनके पास यह रिपोर्ट आ गई कि रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी हो रही है। पौने दो साल में भी सरकार इस गड़बड़ी को नहीं रोक पाए हैं।
रजिस्ट्री घोटाले के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि सराय ख्वाजा की 12/2 कंपनी में टुकड़ों की रजिस्ट्री तब भी कर दी जब कंपनी के ऊपर 28 करोड़ रुपये बकाया थे। दोषी को निलंबित करना कोई सजा नहीं है। किरण चौधरी ने कहा कि पौने दो साल में रजिस्ट्रियों की गड़बड़ी की रिपोर्ट पर भी कुछ नहीं हुआ।
इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि नियमित कालोनी विकसित करने के लिए रजिस्ट्री के लिए यदि कोई सात ए का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेता है तो उसे रोकना ही सरकार का ध्येय हो। अब सरकार सरकार चाहती है कि कृषि और खाली जमीन की रजिस्ट्री सात ए के अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना भी हो। उन्होंने सदन में बताया कि 25 फीसद निर्माण वाली कालोनियों को भी नियमित किया जाएगा।