November 16, 2024

अवैध मीट दुकानदार ले रहे मौज….योजना हो रही फ्लोप

धड़ल्ले से चल रही अवैध मीट की दुकाने, कार्यवाही जीरो

Poonam Chauhan/Alive News : सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी शहर में अवैध मीट शॉप धड़ल्ले से चल रही है। हरियाणा सरकार के नियम कानून को दरकिनार कर अवैध मीट बिक्रेताओं का बिजनेस तेजी से फलफूल रहा है। मीट बिक्रेताओं को ना तो सरकार की कार्यवाही को कोई डर है ना ही लोगों के स्वास्थ की कोई फिर्क। सवाल यह उठता है कि इतनी बंदिशो के बाद भी अवैध मीट शॉप क्यों चल रहीं है, अधिकारी क्यों इन पर कोई एक्शन नही लेते या फिर ये कहा जाए कि अधिकारियों की सह पर ही ये दुकाने तेजी से फलफूल रहीं है।

आपको बता दे ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने नगर निगम को शहर में चल रही सभी अवैध मीट शॉप को बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन अधिकारी उनके आदेशों की कितनी पालना करते है, ये तो गली-कुची और सडक़ किनारे चल रही दुकानों को देखकर लगाया जा सकता है। शहर में इस वक्त अवैध मीट शॉप की दुकानें ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़, बदरपुर बॉर्डर, पल्ला व एनआईटी में सडक़ किनारे धड़ल्ले से चलाई जा रही है। इतना ही नहीं आरोप है कि दुकानदार अपनी ही दुकान में पशु को काटते भी हैं। निगम अफसरों के मुताबिक, अगर कोई मीट शॉप खोलना भी चाहता है तो उसको नगर निगम की तरफ से एनओसी लेना होता है।

इस एनओसी के आधार पर ही फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट लाइसेंस जारी करता है। मई माह तक शहर की एक भी मीट दुकान को फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की तरफ से लाईसेंस नहीं दिया गया था। वहीं हरियाणा सरकार ने नई ‘नगर निगम मीट बायलॉज 2017’ को जारी किया था। जिसमें कहा गया है कि कोई भी मीट विक्रेता अपने दुकान पर पशुओं का वध नहीं कर सकता है। अगर उसे मीट बेचाना है तो वह वैध स्लॉटर हाउस से मीट ले सकता है। वहीं दुकानदार को शॉप पर यह लिखना होगा कि उसका मीट झटके का है या हलाल का।

इसके अलावा डीसी साहब को तय करना था कि महीने में एक दिन ‘नॉन मीट डे’ होगा। इन तमाम तरह के नियमों का पालन करने वाले मीट विक्रेता को नगर निगम एनओसी देगा। इस नियम के मुताबिक शहर के सभी मीट विक्रेताओं को 15 मई तक का समय दिया गया था। इसके बाद नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर सभी अवैध मीट शॉपों को बंद करवाने वाले थे। एमओएच के अनुसार अवैध मीट शॉप मालिकों को नोटिस भी दिया गया था। लेकिन आज भी संबंधित विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से शहर में मीट की दुकाने धडल्ले से चल रहीं है।

पशु की नहीं होती चिकित्सक जांच
उल्लेखनीय है कि चिकन-मटन के दुकानों में साफ सफाई रखना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत जरुरी माना जाता है, जबकि इन पर मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं, जीव के शरीर से प्राप्त प्रोटीन तापमान बढऩे पर जल्दी खराब हो जाता हैं जिससे फूड पॉयजनिंग हो जाता है। अवैध दुकानों में ना तो फीचर होता है और ना ही कमरे का तापमान नियंत्रित करने का कोई उपाय होता है। नतीजन, इन से पेट की बीमारियां जैसे टाइफाइड, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियां हो जाती हैं। ज्यादातर वैध या अवैध मटन की दुकान में कटने वाले पशु की चिकित्सक से जांच तक नहीं करवाई जाती कि वह प्राणी स्वास्थ्य है कि नहीं।

क्या कहते है अधिकारी
अवैध मीट दुकानदारों को नोटिस जरूर बंटवाए हैं, हालांकि ये मामला ज्वाईंट कमिश्रर की देख-रेख में है। जो भी कार्यवाही करनी है ज्वाईंट कमिश्रर करेंगे। -श्याम सिंह, नगर निगम, एमओएच, अधिकारी।