रायपुर : बिलासपुर रेंज के आईजी पवन देव पर मुंगेली में पदस्थ एक महिला आरक्षक ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। इससे बिलासपुर से लेकर रायपुर पुलिस मुख्यालय तक हड़कंप मचा हुआ है। आईजी पर रात- रातभर कॉल करने, अश्लील बातें करने, रात में घर बुलाने, धमकियां देने, मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसे गंभीर आरोप हैं। आरक्षक ने इसकी शिकायत बिलासपुर पुलिस को की, लेकिन वहां सुनवाई न होती देख, वह शुक्रवार को रायपुर पहुंची। उसने खुद की जान को आईजी से खतरा भी बताया है। महिला आरक्षक ने महिला आयोग, प्रधानमंत्री कार्यालय को भी शिकायत की है।
आरक्षक ने तीन मोबाइल कॉल रिकॉर्ड किए हैं, जिसमें दावा है कि आईजी नशे की हालत में बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं। इस रिकॉर्ड में कहा जा रहा- ‘आओ मिलने के लिए, आओगी क्या… मैं गाड़ी में लेकर आऊंगा तुमको।’ इस दौरान महिला आरक्षक कह रही है- ‘आपको रातभर हो गया कॉल करते हुए। 2-2, 3-3 बज गया है अभी। महिला आरक्षक ने 2014 से आईजी द्वारा उसे कैसे प्रताड़ित किया गया, सिलसिलेवार बताया।
यहां बता दें कि आरक्षक ने आईजी के विरुद्ध बिलासपुर चकरभाठा थाने में 30 जून 2016 को लिखित शिकायत की थी, जिस पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है। दूसरी ओर आईजी ने आरक्षक के आरोपों का खंडन किया है। उल्टा महिला आरक्षक पर आरोप लगाया है कि उसका एक पूर्व निरीक्षक के साथ घनिष्ठ संबंध है, जिसे उन्होंने बर्खास्त किया था।
महिला आरक्षक ने बताया
‘2013 में मैंने जॉइनिंग दी, राजनांदगांव पीटीएस में ट्रेनिंग के दौरान आईजी पवन देव साहब राजनांदगांव आए थे। मुझसे पूछा कि कौन से जिले से हो, मैंने मुंगेली बताया। 20 जून 2014 को मेरी पोस्टिंग लोरमी थाना में हो गई। एक दिन मुझे फोन आया (नंबर है)। मैंने उठाया, बोले- आईजी पवन देव बोल रहा हूं। उन्होंने मेरा हालचाल पूछा। बोले- लोरमी, मुंगेली में जो भी अवैध कार्य होते हैं, थानों में क्या गड़बड़ी होती है, मुझे बताना।
आज से तुम मेरी मुखबिर हो। मैं हां बोली। इसके बाद वे लगातार फोन करते रहे। एक दिन उन्होंने कहा- तुम बहुत सुंदर हो, तुम्हारा फिगर बहुत अच्छा है, तुमसे बातें करना मुझे पसंद है। मुझे अटपटा लगा, लेकिन मैं जी सर-जी सर कहती रही। फिर उन्होंने कहा- मैं तुम्हारा ट्रांसफर आईजी ऑफिस करवा देता हूं, मैं तुम्हे रोज देखा करूंगा। महिला आरक्षक ने आगे बताया, आईजी एक दिन बोले- ‘मैं तुमसे मिलना चाहता हूं, तुम्हें प्यार करना है, किस करने जैसी बातें करने लगे। जब मेरी ड्यूटी बाहर लगती तो वे मुझे रात रुकने कहा करते थे। लेकिन मैं किसी बहाने से टाल देती थी। जब मैं उनका फोन नहीं उठाती तो वे लोरमी आ जाते। धमकियां भी देते कि अगर मुझसे बात नहीं करोगी तो मैं ट्रांसफर कर दूंगा, सस्पेंड कर दूंगा। डर के कारण बात करती थी।’
पिता नहीं, घर की पूरी जिम्मेदारी आरक्षक पर
महिला आरक्षक के पिता की मृत्यु हो चुकी है। मां अनुकंपा नियुक्ति पर हैं। घर में छोटे 4 भाई-बहन हैं। आरक्षक का कहना है कि पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी पर, अभी तक उसने अपने परिवार को आईजी द्वारा की गई हरकतों की जानकारी नहीं दी है।
आईजी, महिला आरक्षक के बीच बातचीत के रिकॉर्डेड अंश
(आरोप लगाने वाली आरक्षक युवती और पीड़िता ने ऑडियो उपलब्ध करवाए, उन्हें यहां बगैर कांटछांट दिया जा रहा है, लेकिन इसकी प्रामाणिकता जांच का विषय है। दावा किया गया है कि इसमें आईजी पवन देव की आवाज है)
तारीख- 18 जून 2016, रात 2.30 बजे
पहला- ऑडियो
आईजी- हेलो
आरक्षक- हां… क्या बोल रहे हैं।
आईजी- कुछ नहीं, जाओ सो जाओ… घर आओगे क्या?
आरक्षक- मैं अभी कैसे घर आऊं…
आईजी- अरे मैं गाड़ी में लेकर आऊंगा तुमको।
आरक्षक- प्लीज सर समझने की कोशिश कीजिए, कल सुबह ड्यूटी लगा है।
आईजी- ठीक है कोई बात नहीं, कल सुबह ड्यूटी कर लो… चलो बाय, बाय… बाय।
तारीख- 18 जून 2016, रात 3.14 बजे
दूसरा- ऑडियो
आईजी की आवाज साफ नहीं थी…
आरक्षक- क्या बोल रहे हैं, समझ नहीं आ रहा है।
आईजी- चलो अच्छा किया, बहुत अच्छा किया तुमने… चलो बाय, बाय…
आरक्षक- मैं क्या कर रही हूं
आईजी- थैंक-यू… (यहां पर एक आवाज आई, जिसके मायने अश्लील हैं) मैडम… (आईजी की आवाज स्पष्ट नहीं है)
आरक्षक- अरे… क्या बोले…अरे जोर से बोलें, सुनाई नहीं दे रहा है।
आईजी- मैं गधा था, मैंने तुम पर विश्वास किया।
आरक्षक- मैंने क्या किया?
आईजी- कुछ नहीं जाओ, तुम खुश रहो, तुम मजा करो… बाय।
आरक्षक- रातभर हो गया कॉल करते हुए, कल हमारी ड्यूटी भी है। (आईजी ने कुछ कहा, यहां स्पष्ट नहीं है।) क्या-क्या बोलते हो, समझ नहीं आ रहा है।
आईजी- आओ मिलने के लिए, आओगी क्या?
आरक्षक- इस टाइम कैसे आऊं मैं…
आईजी- इस समय नहीं आ सकती तो मत आओ, कल आना मिलने… नहीं आ सकती तो मत मिलना कोई बात नहीं।
आरक्षक- रात में 4-4 बजने वाले हैं, 2-2, 3-3 बज गया।
आईजी- मैं कुछ नहीं बोलूंगा… चलो बाय, बाय… (आईजी ने कुछ कहा, यहां स्पष्ट नहीं है ऑडियो) चलो कोई बात नहीं, बाय, बाय… टेक केयर, गुड नाइट
आरक्षक- बाय।
तारीख- 18 जून 2016, रात 3.25 बजे
तीसरा-ऑडियो
आईजी- (यहां ऑडियो स्पष्ट नहीं है…)
आरक्षक- सुनाई नहीं दे रहा है।
आईजी- सो जाओ, बाय, बाय…
आरक्षक- दुबारा कैसे कॉल किए।
आईजी- क्यों…
आईजी- तुमने बोल दिया, नहीं मिलना है तो मत मिलो, कोई बात नहीं।
आईजी पवन देव से सीधी बात
आपके विरुद्ध महिला आरक्षक ने गंभीर आरोप लगाए हैं, आप का क्या कहना है ?
– शिकायत फर्जी है। आशीष वासनिक को मैंने विभागीय जांच के बाद नौकरी से निकाला है। महिला आरक्षक और उनके बीच घनिष्ठ संबंध हैं, वासनिक उस महिला को मोहरा बनाकर इस्तेमाल कर रहा है।
क्या ऑडियो में आपकी आवाज नहीं है ?
– नहीं, मेरी आवाज नहीं है। वाइस टेस्टिंग होनी चाहिए, कॉल हुआ ही नहीं है। जितने कॉल बताए जा रहे हैं, उतने कॉल हुए ही नहीं हैं। कुल 12 सेकंड ही बात हुई है।
क्या आप जांच के लिए तैयार हैं, आरक्षक का यह भी कहना है कि उसकी जान को आपसे खतरा है ?
– मैं भी कह सकता हूं कि मुझे आशीष वासनिक से खतरा है। महिला को रायपुर अटैच कर देता हूं। मैं जांच के लिए तैयार हूं।