Faridabad/Alive News: सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा आयोजित मानवता फेस्ट ने लोगों को आध्यात्मिक क्रांति की दिशा में एक कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। यह आयोजन आध्यात्मिक क्रांति के तहत आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य लोगों को अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनाने का एक तरीका दिखाना था।
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जूम्बा, योग, मेडिटेशन सैशन, आध्यात्मिक क्रान्ति – महान शुभारंभ, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति द्वारा संकल्प पर फतह पाओ, आत्मयथार्थ नामक नृत्य नाटिका, शारीरिक मानसिक स्वस्थता का राज, सतवस्तु का कुदरती ग्रन्थ-एक परिचय एवं इसमें विदित नीतियों को अपनाने की महत्ता पर वार्तालाप, शरीर के विभिन्न प्रकार, इन्द्रियों, मन, बुद्धि, चित्त व ख़्याल समुचित क्रियाविधि पर चर्चा तथा भाव-स्वभाव परिवर्तित कर आत्मिकज्ञान प्राप्त करने की युक्ति समझाई गई।
इस आयोजन में ट्रस्ट के मार्गदर्शक सजन ने भी शिरकत की और लोगों को आध्यात्मिक क्रांति की दिशा में एक कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक क्रांति की दिशा में एक कदम बढ़ाने से लोग अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और सुखी बना सकते हैं।उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक क्रांति की सफलता हेतु लौकिक और अलौकिक दोनों प्रकार के गुणों से सम्पन्न हो पुरुषार्थवादी बनो और इस तरह अपनी प्रारब्ध को बदलो।
इस तरह सत्यनिष्ठा से, पुन: अपनी उत्कृष्ठता के अनुरूप श्रेष्ठ अवस्था को प्राप्त करने के लिए, अपने मन में आध्यात्मिक क्रांति की लौ जलाओ और अंतर-शक्तियों को पहचान, सत्य-धर्म की निष्काम राह पर विधिवत् कदम बढ़ाओ। ज्ञात हो ऐसा करने से आपका मन स्वत: ही मन्दिर की भांति पावन बन जाएगा और उसमें संतोष, धैर्य, प्रेम, करूणा, क्षमा, दया, त्याग जैसे दिव्य भाव जाग्रत होंगे। फलत: आपका ख़्याल-ध्यान अफुरता से सत्य के साथ जा जुड़ेगा और आप दिव्य दृष्टि का सबक़ प्राप्त कर, सहजता से अलौकिक आत्मज्ञान का वर्त-वर्ताव करने वाले, तत्ववेत्ता बन जाओगे और दिव्य रत्न यानि श्रेष्ठ मानव कहलाओगे।
यही नहीं ऐसा कमाल होने पर ही अपने अमीरों के अमीर होने का बोध होगा, जो ‘काम‘ पर फतह पा, ब्रह्ममय होने की सर्वोत्तम बात होगी। अत: इस परम शांतमय अवस्था को प्राप्त करने हेतु उद्यम दिखाओ और किसी भी परिस्थिति के वशीभूत हो पिच्छे कदम न हटाओ। अंत में श्री सजन जी ने कहा कि आध्यात्मिक क्रांति के तहत् अपने असली स्वरूप की पहचान करो और खुद में, परिवार में व समाज में सकारात्मक परिवर्तन ले आओ। इस तरह अपने जीवन को आध्यात्मिक मूल्यों से ओत-प्रोत कर और अर्थपूर्ण बनाओ और सदा के लिए सुखी व आनन्दित हो जाओ।