Chandigarh/Alive News: परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा लगाए गए नए फार्मूले को प्रदेश के अभ्यर्थी क्रैक नहीं कर पा रहे हैं। आलम ये है कि योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने का कारण बताकर पद खाली छोड़े जा रहे हैं। हाल ही में मधुबन स्थित फॉरेंसिंक लैब के लिए मनोविज्ञान के पांच सीनियर सांइटिफिक आफिसर चाहिए थे लेकिन आयोग को एक भी योग्य उम्मीदवार नहीं मिला। इसी प्रकार, एडीओ (एग्रीकल्चर डेवलपमेंट आफिसर) के 600 पदों के मुकाबले मात्र 57 उम्मीदवार ही एचपीएससी के मानकों पर खरे उतरें हैं।
एचपीएससी की ओर से मधुबन स्थित फॉरेंसिंक के लिए मांगे गए सीनियर साइंटिफिक आफिसर के लिए 250 अभ्यर्थियों के आवेदन आए लेकिन कोई भी इन पदों पर फिट नहीं मिला। 16 अक्तूबर को हुई एडीओ परीक्षा में प्रदेश के आठ हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया लेकिन अधिकतर इसे पास नहीं कर सके।
निगेटिव मार्किंग बन रही परेशानी
पेपर आईआईटी और आईआईएम से लेकर विषयों के विशेषज्ञों से तैयार कराए जा रहे हैं। इसके अलावा, आयोग ने शर्त लगा दी है कि लिखित परीक्षा में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग को 45 प्रतिशत अंक लेने अनिवार्य होंगे, नहीं तो उसे साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया जाएगा। साथ ही परीक्षा में निगेटिव मार्किंग शुरू की गई है। गलत उत्तर देने पर प्रति उत्तर एक चौथाई अंक काटे जाएंगे और परीक्षा में पांचवां गोला भरना भी अनिवार्य होगा, नहीं तो उसके भी एक चौथाई अंक काटे जाएंगे।