Health/Alive News: आजकल लोगों की सबसे बड़ी नेगेटिव और अनसर्पोटिव लोगों के साथ डील करना हैं। लोग अपना ज्यादा से ज्यादा समय ऑफिस में बिताते हैं। काम का तो प्रेशर होता ही है, लेकिन साथ ही साथ निगेटिव, अनसर्पोटिव और बॉस के फेवरेट्स से भी रोजाना निपटना एक बड़ा चैलेंज होता है। जिसकी वजह से कई बार ऑफिस जाने का भी दिल नहीं करता और अंत में थक-हारकर जॉब छोड़ने का ही ऑप्शन बचता है।
नेगेटिव थॉट्स रखने वाले लोगों से दूरी बनाकर चलें, क्योंकि ऐसे लोग खुद तो परेशान रहते ही है साथ ही दूसरों का भी मूड खराब करने का काम करते हैं। इन लोगों को नमस्ते तक ही सीमित रखें। ऑफिस में हर गलत बात का जवाब देना जरूरी नहीं। कई बार शांत रहना भी एक अलग तरह का जवाब होता है। तथ्यों पर बात करने के लिए हमेशा खुद को तैयार रखें।
हर किसी से फ्रेंडली होने की जरूरत नहीं। उन लोगों से ही दोस्ती बढ़ाएं, जिनके विचार आपसे मिलते हों। ऑफिस में प्रोफेशनल बनकर ही रहें। जो लोग आपको लगता है कि चापलूस प्रवृत्ति के हैं उनसे तो भूलकर भी पर्सनल बातें न शेयर करें, क्योंकि मौका पड़ने पर ये आपका फायदा उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
ऑफिस में हर किसी से फ्रेंडली होने की जरूरत नहीं। उन लोगों से ही दोस्ती बढ़ाएं, जिनके विचार आपसे मिलते हों। ऑफिस में प्रोफेशनल बनकर ही रहें। जो लोग आपको लगता है कि चापलूस प्रवृत्ति के हैं उनसे तो भूलकर भी पर्सनल बातें न शेयर करें, क्योंकि मौका पड़ने पर ये आपका फायदा उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
ऑफिस में हर गलत बात का जवाब देना जरूरी नहीं। कई बार शांत रहना भी एक अलग तरह का जवाब होता है। तथ्यों पर बात करने के लिए हमेशा खुद को तैयार रखें।
हर वक्त अगर आपका सीनियर आपको बेवजह परेशान कर रहा है, तो चुप रहकर सहने के बजाय आवाज उठाएं। मैनेजमेंट से बात करें। कई बार मैनेजमेंट इन सभी चीज़ों से अंजान रहता है, तो आपका ये कदम आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।