Chandigarh/Alive News: हरियाणा के मुख्यमंत्री के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी को शिमला हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। तरुण भंडारी पर आरोप है कि उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार के इशारे पर हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की।हिमाचल प्रदेश में जिन कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों ने सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोला था, उसमें तरुण भंडारी की अहम भूमिका मानी जा रही थी।
इस आरोप में दर्ज थी FIR
चंडीगढ़ के जिस होटल में यह बागी विधायक ठहरे थे, वहां उनकी तरुण भंडारी के साथ कई बार मुलाकात हुई। आरोप है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के कहने पर तरुण भंडारी हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने के काम में जुटे हुए थे।
हिमाचल प्रदेश में सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र रचने के आरोप में तरुण भंडारी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई थी। राज्यसभा के चुनाव में क्रास वोटिंग के मामले में भी तरुण भंडारी का नाम सामने आया था। उन्हें जांच में शामिल होने के लिए हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने कई बार बुलाया, लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुए।
शिमला हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत पाने के बाद तरुण भंडारी के मंगलवार को शिमला में ही पुलिस जांच में शामिल होने की संभावना है। हिमाचल की बालूगंज थाना पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
बालूगंज थाने में निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज हुई थी। यह दोनों पहले अग्रिम जमानत प्राप्त कर चुके हैं। हरियाणा में तरुण भंडारी भाजपा नेताओं की उस कमेटी में शामिल हैं, जो दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल कराने का काम करती है।